वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Oct 10, 2023

यह पृथ्वी हमारा नइहर है

October 10, 2023 0
हम मरना नहीं बोलते इस पीड़ा की अभिव्यक्ति हम चले जाने से किया करते हैं हमें बताया जाता है  कि मरना बोलने से सबकुछ खत्म हो जाने का अर्थ प्रकट ...
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May 13, 2020

राम यादव जी की पाती दुधवा लाइव के लिए....मुआमला कोरोना और मानवता का ही है

May 13, 2020 1
आदरणीय, आने वाला समय बहुत विकट है, आप लोग दूरदर्शिता का परिचय दें और मानवता को बचाने का पुनीत कर्तव्य करें। कोरोना संकट इतना आसान...
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Mar 24, 2018

एक चिड़िया की आत्मा

March 24, 2018 1
एक चिड़िया की आत्मा- एक चिड़िया की आत्मा अक्सर सवार हो जाती है- मेरे ऊपर  और उड़ा ले जाती है आसमान में जहां सूरज अपनी प्रचण...
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Sep 20, 2016

Mar 27, 2016

हमारी चिड़िया

March 27, 2016 2
घर की गौरैया ................... किसे देखती हो तुम गौरैया कौन तुम्हें बुलायेगा  गंगा को भागीरथ लाये  तुम्हें कौन ले आयेगा ...
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Mar 22, 2016

Sep 4, 2015

Dec 20, 2013

Mar 1, 2011

Dec 31, 2010

पूरे जंगल में रोप दिए गये है, सोफ़े, अलमारी और....!

December 31, 2010 8
सागौन ! सागौन नही हैं, ये-- विलासिता की पूर्व योजनायें हैं -----राजकुमार महोबिया * कँटीले तारों की फ़ेंसिंग और डेढ़ मीटर गहरी ट्रेन्चलाइन क...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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