वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Feb 14, 2021

कोरोना, मानवता, सरकारों और आर्थिक हालातों पर चर्चा कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद रंजन

February 14, 2021 0
    मौत, अकाल  की आहट और आर्थिक असमानता पर चुप्पी क्यों? (बजट : 2021 पर एक टिप्पणी) प्रमोद रंजन कोविड महामारी के कारण पिछले एक साल से दुनिया...
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Jul 23, 2016

पानी दूर हुआ या हम ?

July 23, 2016 0
ग्लेशियर पिघले। नदियां सिकुङी। आब के कटोरे सूखे। भूजल स्तर तल-वितल सुतल से नीचे गिरकर पाताल तक पहुंच गया। मानसून बरसेगा ही बरसेग...
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Apr 22, 2016

Nov 1, 2015

जब धरती थर्राई.....

November 01, 2015 0
नेपाल में आये हालिया भूकंप की एक बानगी.... सर्वे     भवन्तु     सुखिन:     सर्वे     सन्तु  निरामया:   ।             सर्वे भद्र...
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Feb 4, 2015

एक तेंदुए का क़त्ल- जहां इंसानियत और दरिन्दगी में फ़र्क को ही मिटा दिया गया

February 04, 2015 0
हापुड़ में हथियार बिना ही मार गिराया तेंदुआ -शुक्रवार की रात को पहुंचा था जंगल में -शनिवार की सुबह दो कुत्तों को बनाया निवाला -आठ...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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