वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Jul 27, 2011

Mar 14, 2011

तेंदुए के दो शावकों की ग्रामीणों ने पीट-पीट कर ली जान

March 14, 2011 3
फ़ोटो: मो० ज़ैद खान (गिरिजापुरी कालोनी बहराइच ) दुधवा के इतिहास में एक और दर्ज हुआ  काला अध्याय   कतर्निया रेंज में नही रूक रहा मानव- बाघ...
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Mar 1, 2011

मरती नदियां मरते लोग..

March 01, 2011 1
नदी बांध परियोजनायें है पानी व किसान की मौत ! मर रही नदियों का जिम्मेदार कौन? प्रवास संस्था ने नदियों को बचाने का लिया संकल्प... तो फि...
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Dec 6, 2010

Sep 30, 2010

आखिर कब तक इन्हें यूँ ही मारते रहेंगे !

September 30, 2010 2
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* सात हाथियों की मौत पर केन्द्र सरकार को गजराज की सुध आयी - पश्चिम बंगाल में बनेरहाट स्टेशन के पास मालगाड़ी की तेज टक...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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