वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Jan 14, 2022

सिकल सेल एनीमिया के उपचार के लिए हाइड्रोऑक्सीरिया को मंजूरी

January 14, 2022 0
  नई दिल्ली, 28 दिसंबर (इंडिया साइंस वायर): सिकल सेल एनीमिया (एससीए) भारतीय आबादी में लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करने वाला एक सामान्य आनु...
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Oct 19, 2011

Feb 6, 2011

बुन्देलखण्ड का आदिवासी और उसकी बदहाली पर एक खुला चिठ्ठा

February 06, 2011 1
चार सौ दलित आदिवासियो की बदहाली एवं पलायन  "क्या वें अब जंगल और जंगल जीवों के मध्य समन्वय स्थापित कर सकते हैं ? "क्या बाघ की तरह ...
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यहाँ कैसे हासिल हों इन्हें तालीम का कानूनी हक ?

February 06, 2011 4
यहां कैसा लागू हो शिक्षा का कानूनी अधिकार! - टांगिया गांव में न स्कूल है, न टीचर - दिन फसलो को बचाने में गुजारते हैं बच्चे अपना वक्त टांग...
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Jan 20, 2011

छबीली और उसका नया घर !

January 20, 2011 6
  छबीली और उसके बच्चे एक माँ .... ...वह घर के नज़दीक एक कच्चे नाले में जा बैठी, बस कुछ देर ठहरने के बाद उसने मिट्टी खोदना शुरू कर दिया, जमीन ...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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