वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Oct 18, 2019

Sep 30, 2019

ये पिंडारा केवल वृक्ष नही हमारी संस्कृति का हिस्सा है

September 30, 2019 3
एक भूली बिसरी वनस्पति क़भी गांवों में सब्जियों में ख़ूब होते थे इस्तेमाल इसके फ़ल चरवाहों में लोकप्रिय था यह पेड़ जिसकी छांव और जिसके फ़ल...
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Sep 23, 2019

Sep 22, 2019

उत्तराखंड के दानी बंगर में मिली दिव्य औषधीय घास

September 22, 2019 0
दानी बंगर में मिली यह अद्भुत वनस्पति।  शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में गुजरती वह खूबसूरत सड़क जो उत्तराखण्ड वन प्रभाग की नांधौर रेंज स...
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Mar 30, 2010

गौरैया बचेगी तो हमारे घरों के आस-पास की जैव-विविधता भी बच जायेगी!

March 30, 2010 2
 डेस्क* गौरैया नही हम निकले है रिहाइशी इलाकों के बाघ बचाने, क्या आप हमारे साथ है, गौरैया बची रही तो हमारे ग्रामीण व शहरी परिवेश में के सभी ज...
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Mar 19, 2010

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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