वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

Breaking

बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Aug 25, 2024

तराई के जंगलों की वनस्पतियों और जीव जंतुओं की रिहाइश खतरें में

दुधवा सहित इलाके की जैवविविधता पर मंडरा रहा खतरा।

शकील अहमद


एक सींघ वाला भारतीय गैंडा


सिंघाही रियासत का किला


बेलरायां खीरी--उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े क्षेत्रफल से परिपूर्ण,वन सम्पदा से समृद्ध एवं भारत नेपाल की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के तराई में स्थित जनपद लखीमपुर खीरी वैसे तो अपनी पहचान का मोहताज नही है,इसके साथ ही उत्तर प्रदेश का एकमात्र दुधवा राष्ट्रीय उद्यान जो प्राकृतिक की अनमोल सम्पदा को अपने आगोश में लिए हुए है,जो न केवल इमारती प्रकाष्ठ की प्रचुरता,लुप्तप्राय,संकटग्रस्त प्रजातियों,दुर्लभ वन्य जीवों एवं भारत में दूसरा ऐसा स्थल जहाँ एक सींग वाला गैण्डा भी पाया जाता है,इसके साथ ही हजारों प्रकार के जीव जंतुओं के साथ प्राकृतिक सौंदर्य को संजोए हुए है। जनपद खीरी प्राकृतिक वन संपदा से फलाफूला होने के साथ साथ ऐतिहासिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ स्वतंत्रता के पूर्व से "खैरीगढ स्टेट" स्थापित था। यहाँ राजा विक्रम शाह, लव शाह आदि की स्मृतिशेष अवशेष आज भी विद्यमान हैं । 

इस जनपद के सिंगाही का राजमहल तथा महारानी सुरथ कुमारी के नाम से प्रतिवर्ष कई दशकों से प्रदेश स्तरीय फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित होता है, परन्तु उपेक्षाओं के चलते यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर में तब्दील नहीं हो सका,जबकि क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। इसी क्षेत्र में मोहम्मद गौरी का किला, करिंगाकोट व कालीदेवी तथा रुक्मणी हरण जैसे स्थल भी स्थित है। इस जनपद में दो लोकसभा एवं आठ विधानसभा के प्रतिनिधि हैं। इस क्षेत्र से विधान सभा एवं लोक सभा में अच्छा प्रतिनिधित्व होने के बावजूद क्षेत्र में विकास की कमी आज भी देखी जा रही है।अच्छी चिकित्सा,बेहतर शिक्षा, अच्छे रोजगार के लिए लोग जिले से बाहर जाने पर मजबूर हैं। 

इस जनपद में सबसे ज्यादा अपेक्षित तराई में स्थित बेलरायां एवं सिंगाही का क्षेत्र है। जबकि यह क्षेत्र भारत नेपाल की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगा होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से सबसे ज्यादा विकसित होना चाहिए था बेलरायां से दुधवा नेशनल पार्क के लिए टूरिष्ट इंट्री पाईंट की ग्रामीणों की मांग वर्षों से चली आ रही है जबकि 884,वर्ग किलोमीटर में फैला दुधवा नेशनल पार्क में सिर्फ एक ही इंट्री पाईंट है,बेलरायां से टूरिष्ट इंट्री पाईंट होने से बेलरायां का चहुमुंखी विकास तो होगा ही साथ ही लाखों का राजस्व भी विभाग को मिलेगा।

 लेकिन जनप्रतिनिधियों के ध्यान न देने के कारण आज क्षेत्र विकास के मामले में काफी पिछड़ा नजर आ रहा है।

शकील अहमद

बेलरायां खीरी

व्हाट्सएप +918858373786

No comments:

Post a Comment

आप के विचार!

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

Post Top Ad

Your Ad Spot