घिंघारु
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पहाड़ पर
अगस्त के महीने
दिख जाएंगी आपको
पहाड़ी रास्तों
ढलानों पर
घाटी वाले क्षेत्रों में
गहरी हरे पत्तों वाली
कंटीली झाड़ियां
सुर्ख लाल फलों से लदी
घिंघारु - कुमाऊनी भाषा में
घिंघारू - गढ़वाली में
नेपाली में घंघारू
हिमालयन रेड बेरी जैसे सुंदर नाम से अभिहित
वानस्पतिक नाम
पैइराकैंथा
बाज़ार की नजरों से दूर
घर के भीतर भी उपेक्षित
लोक में कोई कथा नहीं
इसके नाम से प्रचलित
जंगली सेब भी कहते हैं लोग इसे
हल्का मीठा
लेकिन सेब की तरह नहीं रही
इसकी मांग कभी
जैसे बाज़ार के बड़े चमकीले मीठे सेबों से
विस्थापित
पददलित
न स्वाद में शामिल
न ज़रूरत में
बस ध्यान खींच लेते हैं बरबस...
जब मैदानों में मौसम उमसाया हो
तब पहाड़ी ढलानों पर
हरी हरी झाड़ियों पर जड़े
छोटे-छोटे इन लाल नगीनों को देखना
कितना सुखद है...
माया गोला
#अल्मोड़ा
साभार: फेसबुक
https://www.facebook.com/profile.php?id=100004112598143&mibextid=ZbWKwL
#उत्तराखंड
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