वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

Breaking

बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Apr 21, 2023

गन्ने के खेत में दुधवा टाइगर रिजर्व के निकट एक बाघ की मौत?

 


लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व के कुकरा सलेमपुर वन वीट के निकट गन्ने के खेत में एक बाघ का शव मिला, जंगल के बफर जोन में व उससे सटे कृषि क्षेत्र खासतौर से गन्ने के खेतों में बाघों की खासी आबादी का आमद रहती है, शुगर केन फील्ड बाघ हाथी जंगली सूअर व हिरन नीलगाय जैसे वन्य जीवों के लिए प्राकृतिक पर्यावास की तरह है, इसे यह वन्य जीव ग्रासलैंड की तरह अपने पर्यावास मानते हैं, ऐसे में टाइगर रिजर्व के चारों तरफ के कृषि क्षेत्र व रिहायशी इलाकों में वन विभाग तथा स्वयं सेवी संस्थाओं को जागरूकता अभियान चलाने चाहिए, ताकि लखीमपुर खीरी जनपद में बाघों की बढ़ती आबादी को सरंक्षण मिल सके।

दुधवा लाइव मैगजीन के संपादक द्वारा दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बी प्रभाकर से दूरभाष से संपर्क करने पर ज्ञात हुआ कि वह मौके पर मौजूद हैं और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया चल रही है, उन्होंने बताया की यह नर बाघ है इसकी मौत के कारण पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होंगे।


दुधवा लाइव डेस्क 

No comments:

Post a Comment

आप के विचार!

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

Post Top Ad

Your Ad Spot