दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडों के सफल पुर्नस्थापना के बावजूद कोई रेस्क्यू सेंटर, रिसर्च आफीसर अभी तक क्यों नही?
फाइट में गैंडे की मौत नेपोलियन जाएंगे पवेलियन-रँगाराजू उपनिदेशक दुधवा
बेलरायां खीरी--बीते दिवश गैंडे की हुई मौत के कारणों में पीएम की प्राइमरी रिपोर्ट में डॉक्टरों की पैनल टीम ने जो खुलासा किया वो बेहद चौकाने वाला है अगर वर्चस्व को लेकर दो गैंडो में हुई फाइटिंग में एक नर गैंडे की मौत हुई तो ये बेहद चिंता की बात है क्योंकि लगभग दो वर्ष पहले भी फाइट में ही एक नर गैंडे की मौत हो चुकी थी,अगर सब कुछ सामान्य होता तो आज दुधवा नेशनल पार्क की बेलरायां रेंज के छंगानाला फेज टू वन क्षेत्र में गैंडों का परिवार बढ़कर सात हो चुका होता जिसमें चार मेल और तीन फीमेल होते लेकिन पहले से विस्थापित किए गए एडल्ट नेपोलियन गैंडे को अपना प्रतिद्वंद्वी दूसरा नर गैंडा किसी कीमत पर मंजूर नही वो अपना एकछत्र राज कायम रखना चाहता है।
दुधवा नेशनल पार्क की सलूकापुर वन क्षेत्र में 1984 से चल रही गैंडा परियोजना की सफलता से उत्साहित वन विभाग ने चार गैंडों में एक मेल नेपोलियन व तीन फीमेल हिमांगनी, रोहणी,कल्पना जिसमें हिमांगनी ने एक नर बच्चे को वन सूत्रों के मुताबिक लगभग तीन वर्ष पहले जन्म दिया था लेकिन एक या दो वर्ष का होते होते ही नेपोलियन ने मौत के घाट उतार दिया नर गैंडे के बच्चे की मौत से वन विभाग ने मॉनिटरिंग तो बढ़ा दी लेकिन सफलता नही मिल पाई दो वर्ष बाद एक बार फिर नेपोलियन ने कल्पना के नर गैंडे के बच्चे को फाइट में मार गिराया जिसका खुलासा डॉक्टरों की टीम ने पीएम की प्राइमरी रिपोर्ट में किया।
अब सवाल उठता है कि नेपोलियन अपने वर्चस्व को लेकर फाइट करता है जिसमें अब तक कुल दो नर गैंडो की मौत हो चुकी है तो आगे से इसकी पुनरावृत्ति न हो तो इसके लिए वन विभाग क्या नीति अपनाएगा क्या विशेष निगरानी के लिए कोई वन विभाग की टीम गठित की जाएगी इस सम्बंध में जब दुधवा नेशनल पार्क के उपनिदेशक डॉक्टर रँगाराजू तमिलसेलवांन ने बताया कि घटना बहुत दुखदाई है आगे इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए शासन स्तर से बात चल रही है कि नेपोलियन को वहाँ से बहुत जल्द रिलीज किया जाए स्वीकृत मिलते ही नेपोलियन को पुराने घर मे शिफ्ट किया जाएगा गैंडा परिवार बढ़ रहा है वर्तमान में छंगानाला में पांच गैंडे हैं।
शकील अहमद
बेलरायां - खीरी
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