दुधवा टाइगर रिजर्व के मझरा पूरब परिक्षेत्र में बाघ और आदमी के मध्य हुए संघर्ष से सम्बंधित वन विभाग का प्रेस नोट:-
प्रेस नोट
दुधवा टाइगर रिजर्व के अर्न्तगत कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग एवं बफर जोन प्रभाग की सीमा पर स्थित खैरटिया गाँव में दिनॉक 17.06.2022 की रात्रि में हुयी जनहानि की घटना, जिसमें एक बाघ / बाघिन द्वारा बाबा कुटिया, खैरटिया के पास श्री मोहन दास नामक एक व्यक्ति को मार दिया गया था एवं उनके शरीर के भाग को लगभग पूर्णतयः खा लिया गया था, के पश्चात तत्काल ही उक्त बाघ / बाघिन को पकड़ने का अभियान चलाया गया।
दिनॉक 18.06.2022 को ही हाथियों के माध्यम से निगरानी आरम्भ कर दी गयी। दिनॉक 19.06.2022 से पशुचिकित्सकों के 02 दल मौके पर तैनात किये गये, जिनके साथ 02 जीव विज्ञानी, वन कर्मियों महावतों, एस०टी०पी०एफ० के जवानों की डियूटी भी लगायी गयी। गाँव वासियों को लगातार सतर्क रहने व आवश्यक सावधानियाँ बरतने हेतु जागरूक किया जाता रहा । संवेदनशील क्षेत्रों में लगभग तीन दर्जन कैमरा ट्रैप लगाकर बाघ / बाघिन के मूवमेंट की जानकारी ली जाने लगी। संभावित आवागमन स्थलों में से कतिपय चिन्हित स्थलों पर 5 पिंजड़े लगाये गये। जिनका समय-समय पर आवश्यकतानुसार स्थान परिवर्तन भी किया जाता रहा । हाथियों की संख्या बढ़ाकर 4 कर दी गयी व पशुचिकित्सकों की संख्या भी 4 कर दी गयी। चार रेंजों के वनकर्मी व मिशन मोड में अभियान में लगातार लगे हैं व अपना योगदान दे रहे है। गैर सरकारी संगठन विश्व प्रकृति निधि-भारत व डब्ल्यू०टी०आई० का सहयोग भी लिया जा रहा है। इसी मध्य आवश्यक सावधानी के अभाव में 02 अन्य घटनायें और घटित हुयी, जिनमें एक किशोर व एक महिला की क्रमशः 23 जून व 27 जून को मृत्यु हो गयी।
दिनॉक 28.06.2022 को प्रातः काल 03:00 बजे पहली सफलता मिली, जब एक बाघ पिंजड़े में कैद हो गया। उक्त बाघ की क्षेत्र में उपस्थिति पूर्व में किये गये अभ्यासों में दर्ज की गयी थी, परन्तु वर्तमान अभियान के दौरान उपस्थिति दर्ज नही हुयी थी। प्रश्नगत बाघ पूरी तरह स्वस्थ्य पाया गया, उसके चारो कैनाईन व नाखून सुरक्षित पाये गये, जिस कारण से इसे संघर्षशील परभक्षी माना जाना उपर्युक्त नही समझा गया। तथापि इसकी लगातार निगरानी की जा रही है। अभी तक कोई अस्वाभाविकता दृष्टिगोचर नही हुयी है। राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण के निर्धारित मानक के अनुसार प्रश्नगत बाघ को प्राकृतिक वास क्षेत्र में अवमुक्त किया जाना उपर्युक्त होगा। पुनः पशुचिकित्सकों का एक और दल की ड्यूिटी लगायी गयी।
दिनॉक 29 जून, 2022 की रात्रि में पुनः सफलता मिली जब एक बाघिन पिंजड़े में कैद हो गयी।
परीक्षण में प्रश्नगत बाघिन के बायीं ओर के दोनो कैनाईन आंशिक रूप से टूटे एवं घिसे पाये गये। टाइगर रिजर्व के
फोटो डाटाबेस में उपलब्ध तस्वीरों के विश्लेषण के आधार पर उक्त बाघिन की उम्र लगभग 09 वर्ष के आस पास है।
प्रश्नगत बाघिन की स्थिति एवं उम्र के दृष्टिगत यह माने जाने का पर्याप्त आधार है कि हाल में हुयी समस्त घटनाओं हेतु उक्त बाघिन जिम्मेदार है। राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार उक्त बाघिन को
नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ में भेजा जाना उपर्युक्त होगा। अभियान अभी जारी है एवं लगातार कैमरा ट्रैपों के माध्यम से अनुश्रवण किया जाता रहेगा। पूरी तरह से आश्वस्त होने पर ही अभियान पर विराम लगेगा। स्थानीय ग्राम वासियों को जागरूक रखने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं।
कार्यालय प्रभागीय वनाधिकारी, उत्तर खीरी वन प्रभाग /
उप निदेशक (बफर जोन ) दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर खीरी।
पत्रांक-
1127 टी०सी० / 23-1 ( प्रेस नोट)
दिनांक: लखीमपुर खीरी, जून 30 / 2022
प्रतिलिपि - मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर खीरी महोदय की सेवा में
सूचनार्थ प्रेषित।
( सुन्दरेश )
प्रभागीय वनाधिकारी, उत्तर खीरी वन प्रभाग /
उप निदेशक, बफर जोन, दुधवा टाइगर रिजर्व,
लखीमपुर-खीरी
#दुधवालाइव डेस्क
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