तिकुनिया खीरी।
मंझरा पूरब जंगल के बाघ की खोजबीन के लिए वन विभाग ने चंपाकली और जयमाला हथिनी को जंगल भेजा है।इसके अलावा हिंसक बाघ को ट्रेंकुलाइज किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है।विभाग के अधिकारियों ने प्रधान परगट सिंह के आवास पर बैठक कर ग्रामीणों को जानकारी दी है।
बीते शुक्रवार को रात्रि 8:00 बजे मंझरा पूरब जंगल के बाघ ने श्री राम जानकी मंदिर के पुजारी बाबा मोहन दास को मार डाला था जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार को सड़क जाम कर बाघ से सुरक्षा का पंका बंदोबस्त किए जाने की मांग की थी। अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया और प्रधान परगट सिंह के आवास पर डीएफओ सुंदरेशा, फील्डडायरेक्टर/वन्यजीव संरक्षक संजय पाठक , पीसीसीएफ टाइगर प्रोजेक्ट चीफ कमलेश कुमार , रेंजर विमलेश कुमार ने ग्रामीणों से कहा की बाघ की तलाश में कर्तनिया वन्यजीव रेंज की प्रशिक्षित हथिनी चंपाकली और जयमाला को जंगल में कांबिंग के लिए लगा दिया गया है। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए वनाधिकारियों ने वन विभाग की टीम को निर्देशित करते हुए कहा की कोई कोताही न बरती जाए ग्रामीणों का मानना है कि लगभग 20 लोगों की मौत इस हिंसक बाघ से हो चुकी है यदि सरकार और वन विभाग पहले चेत जाता तो शायद डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को बाघ अपना निवाला नहीं बना पाता।विशेष सूत्रों के मुताबिक बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की परमिशन वन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ चीफ से मांगी है सबकुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द हिंसक बाघ को वन विभाग ट्रेंकुलाइज कर शोध के लिए किसी शोधघर में भेजेग।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान परगट सिंह मझरा पूरब के ग्राम प्रधान रामपाल भगवान सिंह चंदन सिंह अवतार सिंह करनैल सिंह राजवीर सिंह गुरमीत सिंह कुलविंदर सिंह नछत्तर सिंह सहित तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।
इधर रेंजर विमलेश कुमार ने लोगों से अपील की है कि सब सतर्कता के साथ जंगल किनारे खेतों में कई लोग एक साथ मे जाएं और हल्ला मचाते हुए जाएं रात में खेतों में जानें को मना किया।
शकील अहमद
वरिष्ठ पत्रकार- बेलरायां-खीरी
Email: shakeelsaharapress@gmail.com
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