नई दिल्ली, 13 मई (इंडिया
साइंस वायर): कोविड-19 के उपचार के लिए दुनियाभर में दवाओं की खोज को
लेकरचिकित्सीय परीक्षण किए जा रहे हैं। भारत भी इस महामारी का प्रभावी उपचार खोजने
केलिए शुरू की गई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कीवैश्विक 'सॉलिडैरिटी'
परीक्षणमुहिम
का हिस्सा है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) अब भारत में कोविड-19 से लड़ने के लिए 'सॉलिडैरिटी'
परीक्षण
की मुहिम को तेज कर रहा है। यह जानकारी आईसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम
भार्गव ने दी है।
सॉलिडैरिटीपरीक्षणमें यह पता लगाने का प्रयास
किया जाएगा कि कोई दवा कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कितनी असरदार है। परीक्षणके
दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को एंटी-वायरल दवाएं देकर उनके असर का आकलन
किया जाएगा। परीक्षण में रेमेडिसविर, क्लोरोक्वीन/हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, लोपिनवीर-रीटोनवीर और इंटरफेरॉन (बीटा-1ए) के साथ लोपिनवीर-रीटोनवीर
दवाओं का उपयोग किया जाएगा।
देश के विभिन्न हिस्सों में डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर आईसीएमआर और
नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनएआरआई) इस परीक्षण को अंजाम दे रहे
हैं।आईसीएमआरने परीक्षण
में शामिल होने वाले मरीजों की चयन प्रक्रियाशुरू कर दी है। एनएआरआईकी वरिष्ठ
वैज्ञानिक और भारत में सॉलिडैरिटी परीक्षण की संयोजक डॉक्टर शीला गोडबोले ने कहा
है कि "अभी
परीक्षण स्थल उन क्षेत्रों में होंगे जहां से अधिकांश कोविड-19 मामलों की सूचना मिल
रही है।"
डॉ शीला गोडबोले नेकहा है कि परीक्षण के लिए
जरूरी विनियामक और नैतिक अनुमोदन प्राप्त हो चुके हैं। अभी तकतो 1500 मरीजों पर परीक्षण
किया जाना है। लेकिन, परीक्षण में अधिक मरीज भी शामिल किए जा सकते हैं।देश
केनौअस्पतालों को इस कार्यक्रम के लिए चुना गया है।जिन अस्पतालों में शुरुआती तौर
पर परीक्षण को मंजूरी में मिली है उनमें एम्स, जोधपुर; अपोलो अस्पताल, चेन्नई; बीजे मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद और भोपाल
का चिरायु मेडिकल कॉलेज तथा सिविल अस्पताल शामिल है। आईसीएमआरने कहा है कि यह
संख्याबढ़ायी जा सकती है।
डब्ल्यूएचओके इस अभियान में करीब 100 देशों के कोरोना
मरीजों को शामिल किया जा रहा है। वैश्विक सॉलिडैरिटी परीक्षण में भारत की भागीदारी
का स्वागत करते हुएभारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ हेनक बेकेडम ने कहा, “हम परीक्षण में शामिल होने के लिए भारत
सरकार, विशेष रूप से
आईसीएमआर को बधाई देते हैं। इस सहयोग के माध्यम सेभारतीय शोधकर्ता और संस्थान
कोविड-19 के लिए प्रभावी उपचार विकल्प खोजने के लिए एक वैश्विक पहल का हिस्सा
बनेंगे। डब्ल्यूएचओ भारत में परीक्षण का संचालन करने के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान
करने के लिए तैयार है।”(इंडिया
साइंस वायर)
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