वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

Breaking

बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

May 11, 2020

इको फ्रेंडली बांस की बोतल


Photo courtesy: Bamboo Nation

    
हम सभी प्लास्टिक की बोतलों या स्टील की बोतलों का बहुधा इस्तेमाल करते हैं। पर क्या आपने कभी बांस की बोतलों के बारे में सुना है? जी हां हाल ही में सिक्कम राज्य ने अपनी इस अनोखी पहल से वाहवाही बटोरी है। सिक्कम टूरिज्म ने वातावरण को दूषित होने से बचाने के लिए राज्य में आने वाले मेहमानों को बांस की बोतल के फायदे बताए हैं। बता दें कि भारत का सिक्कम राज्य स्वच्छता और स्वास्थ्य के मामले में देश के अन्य राज्यों से दो कदम आगे ही रहता है। वहीं, अब उसकी बांस की बोतल के फायदे भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन के प्रति अब लोगों में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा जागरूकता फैल रही है। आए दिन प्लास्टिक का इस्तेमाल बढ़ गया है। लगभग हर छोटी से छोटी और बड़ी वस्तुएं प्लास्टिक के रूप में आसानी से मिलती है। हालांकि, प्लास्टिक का बढ़ता इस्तेमाल पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदेह है। प्लास्टिक को अपघटित होने में लगभग 1000 साल से भी ज्यादा का समय लगता है, जबकि बांस पूरी तरह से कुदरती तत्व है। जिसे अपघटित होने में 3 दिन का ही समय काफी होता है।

आमतौर पर पीने के पानी के बोतल के तौर पर प्लास्टिक का इस्तेमाल सबसे अधिक हो रहा है। प्लास्टिक के पानी की बोतल काफी सस्ती होती हैं । लोग इनका इस्तेमाल एक या दो बार करके इन्हें फेंक देते हैं और दोबारा बड़ी ही आसानी से और बहुत ही कम कीमत पर इसे कहीं से भी खरीद सकते हैं। लोग इनका इस्तेमाल अधिक समय या अधिक बार नहीं कर सकते हैं । क्योंकि, ये स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होते हैं। वहीं, बांस से बनी बोतल का इस्तेमाल करना पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी पूरी तरह से लाभकारी है। दूसरे शब्दों में कहें तो बांस की बोतलें इको फ्रेंडली होती हैं। साथ ही, बांस रिन्यूएबल रिसोर्स है, इसका उत्पादन नियमित रूप से प्राकृतिक तौर पर किया जा सकता है। यह एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और प्लास्टिक की तुलना में बायोडीग्रेडेबल भी है। बांस की बोतल में पानी पीने के कई लाभ हैं, जिनका उल्लेख निम्नवत है:

1.लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए सुरक्षित:
प्लास्टिक के पानी के बोतल का इस्तेमाल जहां कुछ ही समय तक के लिए करना स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माना जाता है, वहीं, बांस से बने बोतल का इस्तेमाल सालों-साल तक किया जा सकता है। जो स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से सुरक्षित भी हैं। इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं। बांस की बोतल बांस के पेड़ से बनाया जाता है। एक बांस की फसल को तैयार होने में तीन से चार साल का समय लगता है। तैयार हुए बांस से बनाए गए उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं और उनका इस्तेमाल लंबे समय तक के लिए किया जा सकता है। बांस भी बहुत मजबूत, चिकना और सुंदर होता है। बांस में स्टील की कई मिश्र धातुओं की तुलना में उच्च ताकत होती है। यानी आपको सिर्फ एक बार पैसा खर्च करना है सालों-साल तक बिना किसी टेंशन के बांस की पानी की बोतल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

2.रिसाइकल्ड ग्लास:
बांस की बोतल बनाने के लिए 51 फीसदी रिसाइकल्ड ग्लास का इस्तेमाल किया जाता है और जरूरत न होने पर इसे 100 फीसदी तक रिसाइकल किया जा सकता है। बांस से बने बोतल में इस्तेमाल होने वाला ग्लास लेड फ्री होता है। जहां, प्लास्टिक और मेटल धातुओं के बने पानी के बोतल से एक तरह के रसायन का रिसाव होता रहता है, वहीं बांस से बने बोतल इस तरह के किसी भी रसायन का रिसाव नहीं होता है।

3.विटामिन्स और अन्य तत्वों से है भरपूर:
बांस की बोतल में पानी पीने से शरीर को कई पोषक तत्व भी मिल सकते हैं। बांस में विटामिन बी 6 (पाइरिडोक्सिन), पोटेशियम, कॉपर, मैंगनीज, जिंक, विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेवन), ट्रिप्टोमर, प्रोटीन, आइसोल्युसिन और आयरन की मात्रा पाई जाती है। तो, अगर बांस के बोतल में पीने का पानी रखा जाए, तो उसे ये सभी गुण पानी के जरिए हमारे शरीर को मिल सकते हैं।

4.फर्टीलाइजर मुक्त :
बांस की फसल बिना किसी फर्टीलाइजर के ही की जा सकती है। इस तरह बांस का पौधा केमिकल फ्री होता है। जिससे बने सभी तरह के उत्पाद भी केमिकल फ्री होते हैं। बांस से बने बोतल के अलावा बांस के अलग-अलग बर्तनों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

5.एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल :
बांस के पौधे में प्राकृतिक रूप से एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल के गुण होते हैं। अगर बांस से बने बोतल में पीने में पानी रखा जाए, तो यह त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है। बांस में एंटीऑक्सिडेंट तत्वों की भरपूर मात्रा त्वचा की कोशिकाओं को नष्ट होने से बचा सकती हैं।

6.कोलेजन के गुण बना सकता है यंग:
बांस की बोतल में रखे पानी का इस्तेमाल करने से शरीर में कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है, जो स्किन के साथ-साथ और बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायी हो सकता है। बांस में सिलिका की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिस वजह से यह शरीर में कोलेजन के उत्पादन को बढ़ावा दे सकता है।

इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि सिक्किम राज्य की  पहल पर देश के अन्य राज्यों को भी इको फ्रेंडली बांस की बोतलों का उपयोग करना चाहिए। ताकि इसके फायदे प्रत्येक भारतवासी को प्राप्त हो सकें।
___________________________________________________________    

प्रेषक-  डॉ दीपक कोहली, उपसचिव, पर्यावरण,वन एवं‌ जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, 5 /104 ,विपुल खंड, गोमती नगर, लखनऊ- 226010( उत्तर प्रदेश) ( मोबाइल-  9454410037)



No comments:

Post a Comment

आप के विचार!

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

Post Top Ad

Your Ad Spot