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International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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Sep 26, 2019

कुमायूँ की पहाड़ियों में एक फूल की अधीरता

टच मी नॉट 
कुमायूँ की पहाड़ियों में एक फूल की अधीरता
यह फूल खूबसूरत तो है ही पर जहर के असर को बेअसर भी करता है।
बृद्ध जागेश्वर की पहाड़ी ढलानों में चट्टानों में उगते हैं ये पुष्प

एक पहाड़ी फूल जो ठंडी जलवायु व ऊबड़ खाबड़ जमीनों में पत्थरों में अपने सुर्ख पीले रंग की आभा लिए खिलता है, इन जमीनों पर पीले रंग के इस गुल के उगने की तासीर ही इसे अंग्रेजी में Rugged Yellow balsam नाम देती है, इसका फूल जाइगोमार्फिक होता है यानी फूल जो दो भागों में अलाहिदा हो मानों जैसे आईने में जैसे आप अपनी शक़्ल देख रहे हो, इसकी पत्तियों पर बहुत से कीड़ों के लार्वा भोजन के लिए निर्भर होते है, पौधे के सभी भाग कसैले स्वाद वाले और थोड़ा सा जहरीला प्रभाव लिए हुए, जो बहुत घातक नही किन्तु अभी तक उस तत्व की खोज नही की जा सकी जिससे यह विषैला गुण इस वनस्पति में है।


एक मार्के की बात बताऊं आप को कभी किसी ने मुझसे कहां था कि की समस्या जहां है निदान भी वहीं है, अन्यंत्र खोजने की जरूरत नही, और यह बात मुझे प्रकृति के अध्ययन में तमाम जगह सच साबित होती दिखी, आज इस फूल यानी Impatiens scabrida जिसे  नेपाली/हिंदी में तिउरी झार, अरेली कहते है, से जब अल्मोड़ा जनपद के वृद्ध जागेश्वर की चमकीली पहाड़ियों पर मुलाक़ात हुई, और फिर लौटते में बिच्छू बूटी से स्पर्श हो गया नतीज़ा ये हुआ कि त्वचा पर रेड रैशेज और दर्द....आज इन दोनों बातों को जोड़ने का वक़्त आ गया, लैटिन के इस Impaties जो अंग्रेजी में Impatience होता है इसका अर्थ तो जानते ही होंगे, अधीरता, उत्साह, आतुरता और उस बिच्छू बूटी Urtica dioica यानी स्टिंगिंग नेटल जिसके मायने होते है चुभने वाला बिछुआ, इस बिच्छू बूटी के जहरीले असर को यह फूल वाली वनस्पति का रस बहुत जल्दी बेअसर करता है, यानी एक ही लोकल्टी में जहर और उसका इलाज़ दोनों मौजूद है, यह बात हमने अपने दुधवा नेशनल पार्क के आस पास के तराई के पानी मे भी देखी जिसमे तमाम अशुद्धियां है और उन्हें दूर करने के लिए मौजूद वन हल्दी भी जो खूब उगती है उन इलाकों में।

खैर इस फूल के 20 बीज इंटरनेट पर 2 पौंड में बिकते है और लोग इसे अपने बगीचे में उगाते भी, कमरे के तापमान में ये वनस्पति उग आती है, थोड़ी छाव थोड़ी धूप चाहिए इसे।


इसे Touch Me Not भी कहते है क्योंकि इसके बीजों का आवरण बीज पकने पर तेजी से चटकता है और बीज कारतूस सी तेज़ी से बौछार करते हुए बिखर जाते हैं कई मीटरों तक, फिर उगते है उसी इलाके में आपके हाथों की ज़रा सी जुम्बिश तड़का देगी इसे, इसलिए तो यह कहता है टच मी नॉट। यह वनस्पति एशिया अफ्रीका और अमरीका में पाई जाती है, इसकी फूल की खूबसरती ने योरोप के लोगों को भी लुभाया और अब यह योरोप की आबो हवा में भी संवर्धित व पल्लवित हो रही है।

Balsaminaceae परिवार का Impatiens जीनस ही इस परिवार को समृद्ध करता है इस जीनस में तकरीबन 1000 प्राजातियां हैं दुनिया भर में, इस कुल में एक और जीनस जुड़ता है Hydrocera जिसमें केवल एक प्राजाति है यानी इस कुल का सारा दारोमदार Impatiens जीनस यानी जो फूल आप इस जगह देख रहे है उसके जीनस पर ही निर्भर है।


ज्यादा कुछ नही अब जब भी मन अधीर हो बेचैन हो व्याकुल हो तो कृष्ण के पीताम्बर की आभा लिए इस पुष्प को निहार लीजिएगा क्योंकि ये आपसे ज्यादा अधीर है प्रकृति में किन्तु इसकी अधीरता सात्विक है यह उन जहरों को दूर करने के लिए आतुर है जो आपको तकलीफ देते हैं, चाहे वह बिच्छू बूटी का जहरीला स्पर्श ही क्यों न हो! अब आप अपनी अधीरता का कारण आप ही जानें!।।


कृष्ण कुमार मिश्र 
ग्राम- मैनहन
पोस्ट -ओदारा-262727
जनपद -खीरी
भारत वर्ष 

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