अक्सर बारिश के मौसम में अगर आप जंगलों व खेतों की तरफ गुजरते हैं और नज़र प्रकृति की तमाम अद्भुत चीजें देखने की आदी है, तो छोटे छोटे मुलायम तने वाले पौधों पर यह झाग जरूर दिख जाएगी। इसे लोग कोयल की थूक या सांप की थूक बताते आए है, पौधे की टहनियों पर यह एक आकार लिए हुए झाग कौतूहल अवश्य पैदा करती है मन में की आखिर यह है क्या? सांप की थूक के नाम से ही लोग इसके नज़दीक भी नही जाते कि पता नही क्या बला हो।
सन 2001 की बात होगी हमने पहली बार दुधवा नेशनल पार्क की थारू हट के पास एक पौधे में यह झाग लगी देखी, मेरे साथी ने बड़े अचरज के साथ कहा कि यह कोई दैवीय चीज है! मैंने भी करीब से देखा पर कुछ दिखाई नही दिया, पक्षियों बाघों और गैंडों को देखने की आतुरता ने सूक्ष्मता में सुंदरता निहारने का हुनर शायद तब तक मुझे नही मिला था, मैं भी हो रही बारिश में दुधवा जैसे जंगल मे पौधे पर पड़ी झाग को पानी और पौधे से स्रावित किसी द्रव की रसायनिक अभिक्रिया समझकर आगे बढ़ चला।
अभी हालिया गोंडा के पर्यावरण प्रेमी अभिषेक दुबे ने यह तस्वीर भेजी तो मन हुआ प्रकृति के इस अद्भुत रहस्य से पर्दा हटा दिया जाए, यह झाग कुछ और नही एक नन्हे से जीव का घरौंदा है, जिसे यह स्वयं बनाता है, अपने मलद्वार से एक ऐसा रसायन स्रावित करता है जो झागदर व स्वाद में कसैला चरपरा व कुछ कुछ जहरीला होता है, यह जीव फ्रॉग हॉपर के नाम से जाना जाता है, जैसा कि नाम से विदित है, कि मेढ़क की तरह कूदने वाला परन्तु यह मेढ़क नही है, बल्कि यह एक कई टांगों वाला नन्हा कीड़ा है, यह आर्थोपोडा संघ का जीव है, जो सरकोपायडी परिवार के हेमिप्टेरा समूह का जीव है, इसे स्पिटल बग (थूक वाला कीड़ा) भी कहते है, क्योंकि इस कीड़ा की निम्फ झाग छोड़कर उसी में रहती है जब तक एडल्ट यानी जवान अवस्था मे न आ जाए, कीड़े कई रूप धरते है जिसे मेटामॉर्फिसिस कहते है, प्यूपा लार्वा निम्फ आदि स्वरूप ग्रहण करते है, यह स्पिटल बग यानी फ्रॉग हॉपर का कोमल निम्फ यह झाग निकालकर उसी में छुप जाती है ताकि कोई दुश्मन उसे देख न सके और इस झाग का चरपरापन उसे दुश्मनों से बचाता है, साथ ही यह झाग का कवच उसे तापमान नियंत्रण रखने में मदद करता है तथा उसे सूखने से बचाती है यह झाग, तो देखिए प्रकृति की सुंदर व्यवस्था प्रत्येक जीव के सफलतम जीवन को जीने के लिए। इसे फ्रॉग हॉपर, स्नैक स्पिट, फ्रॉग स्पिट व कुकू स्पिट बग भी कहते हैं
तो आइंदा से जब ऐसे आकार की झाग देखे तो उसे सांप या कोयल की थूक न समझे बल्कि यह सोचकर निहारिए इस कीड़े के इस घर को जहां यह विश्राम कर रहा है अपने यौवन को प्राप्त करने के लिए समय के इंतजार में है जब यह पूर्ण स्पिटल बग में तब्दील हो जाएगा।
कृष्ण कुमार मिश्र ऑफ मैनहन
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