लखीमपुर से शुरू तालाब बचाओ अभियान अब प्रदेश व् देश स्तर पर-
सात दिवसीय जल-यात्रा का समापन हुआ यू पी प्रेस क्लब लखनऊ में-
लखीमपुर खीरी में तालाब बचाओ अभियान की शुरुवात करने वाले वन्य जीव विशेषग्य कृष्णकुमार मिश्र की यह मुहिम प्रदेश व् देश स्तर पर कई संगठनों के साथ विस्तारित हुई है, नदियाँ, कुँए, तालाब के सरंक्षण में जनपद के विधायक, और जनमानस भी इनके अभियान में साथ जुड़ा, साथ ही तराई की धरती पर भी बाढ़ और सूखे के प्रभावों के अध्ययन का अनुभव प्रदेश व् देश के उन सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी मिले इस उद्देश्य से दुधवा लाइव डॉट कॉम के बैनर तले यह मुहिम प्रदेश व्यापी हुई, कृष्ण कुमार मिश्र ने बताया की सन २००० में भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय एवं सलीम अली पक्षी विज्ञान संस्थान द्वारा शुरू किए गए इनलैंड वेटलैंड्स प्रोजेक्ट में कार्य किया है जिसके तहत उन्होंने प्रदेश के तराई जनपदों में खीरी, बहराइच, सीतापुर व् हरदोई जनपद में तालाबों नदियों व् नाम भूमियों का वैज्ञानिक अध्ययन किया, यह प्रोजेक्ट जूलोजिकल सर्वे ऑफ़ इण्डिया से गवर्न हुआ और तबके उतरांचल के देहरादून में कई कार्यशालाएं आयोजित की गयी जिमें इन्होने वेटलैंड्स के अध्ययन व् डाटा कलेक्शन की विधाए भी सीखी जो मौजूदा समय में इनके तालाब बचाओ अभियान में मददगार साबित हो रही है.
दुधवा लाइव डॉट कॉम के संस्थापक कृष्ण कुमार मिश्र के सरंक्षण में सात दिवसीय जल-यात्रा जो बांदा से एक जुलाई को शुरू हुई और सात जुलाई को लखनऊ पहुँची, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जल-यात्रियों के सम्मान में प्रायोजक दुधवा लाइव एवं प्रवासनामा खबर द्वारा प्रेसक्लब लखनऊ में आठ जुलाई को एक जल-विमर्श कार्य शाला का आयोजन हुआ, जिसमे मुख्य वक्ता के तौर पर कृष्णकुमार मिश्र (वन्य जीव विशेषग्य), सुधीर जैन (जल-विशेषग्य, एनडीटीवी), वी के जोशी (भूगर्भ वैज्ञानिक), स्वामी आनंद स्वरूप, आशीष सागर, पीयूष बबेले (इंडिया टुडे), ने तालाबों और नदियों के सन्दर्भ में अपने मत व्यक्त किए. तालाब भूदान एवं चारागाह मुक्ति अभियान कार्यक्रम का आयोजन अन्नदाता की आखत के माध्यम से हुआ.
जल -सरंक्षण कार्यशाला में कृष्ण कुमार मिश्र ने तालाबों के प्राकृतिक स्वरूपों को बनाए रखने पर जोर दिया, ना कि उन्हें गड्ढे में तब्दील करने के, एक आदर्श तालाब वही है जो मध्य में गहरा फिर किनारों पर उथला जिसमे तमाम वनस्पतियाँ मौजूद हो ताकि तालाब का पारिस्थितिकी तंत्र स्वस्थ्य रहे, साथ ही उन्होंने कहाँ की नवीन तालाब खुदवाने में यह ध्यान नहीं दिया जाता की उसमे चारो तरफ से बरसात का पानी ठीक से आ सकेगा या नहीं, और तालाब खुदाई के बाद उसके चारो तरफ की मिट्टी भी नहीं हटाई जाती नतीजतन तालाब में बारिश का पानी नहीं इकट्ठा हो पाता, तालाबों पर समुदायों की निर्भरता भी रही है उसे भी ध्यान में रखा जाना चाहिए.
भूगर्भ वैज्ञानिक वी के जोशी ने गोमती और गंगा नदी पर अपने विचार रखे और कहा की गोमती दस हज़ार वर्ष पुराणी नदी है, जो अविरल बह रही है, साथ ही गंगा नदी की खासियत बताते हुए उन्होंने कहा की गंगा ग्लेशियर से निकलती है और गोमती मैदानी क्षेत्रों से फिर भी इन नदियों की खासियत यह है की यह धरती से नीर लेती है और धरती को नीर देती हैं और तभी यह सदानीरा हैं, ग्लेशियर से गंगा को अलग कर दे या ग्लेशियर पूरा पिघल जाए फिर भी गंगा बहती रहेगी.
सुधीर जैन ने अपने बुंदेलखंड के अनुभव साझा किए साथ ही तालाबों के अध्ययन की वैज्ञानिक व् तकनीकी विधियों पर बात की.
दुधवा लाइव सामुदायिक संगठन ने जल-यात्रियों का किया सम्मान-
नलिनी मिश्रा एवं राम बाबू तिवारी के नेतृत्व में इलाहाबाद विश्व विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सात दिवसीय बुंदेलखंड की यात्रा में दुधवा लाइव द्वारा दिए गए वेटलैंड सर्वे के फोर्मेट पर वहां के तालाबों की दशा का विवरण भरा है, जो भविष्य में तालाबों के उद्धार के लिए बनने वाली योजनाओं और शोधकार्यों में काफी मददगार साबित होगा, इन जल-यात्रियों के इस उम्दा काम के लिए कृष्ण कुमार मिश्र ने 9 जल-यात्रियों को प्रशस्ति पत्र देकर तथा फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया.
रेडियो दुधवा लाइव व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा जल-यात्रा को किया गाइड-
लखीमपुर खीरी में तालाब बचाओ जन-अभियान के प्रणेता कृष्ण कुमार मिश्र द्वारा पूरे सप्ताह बांदा से लखनऊ तक की यात्रा को लखीमपुर खीरी से संचालित किया गया तकनीक के माध्यम से, जल-यात्रियों की खैर-खबर व् उन्हें वेटलैंड्स के डाटा कलेक्शन में मदद ग्रुप के माध्यम से दी गयी, साथ ही एक एक गाँव के तालाबों की तस्वीरें व् विवरण जल-यात्रियों द्वारा रेडियो दुधवा लाइव लखीमपुर को भेजा जाता रहा.
दुधवा लाइव अंतर्राष्ट्रीय जर्नल के ऑफलाइन संस्करण का हुआ विमोचन-
यू पी प्रेस क्लब लखनऊ में आयोजित तालाब सरंक्षण पर कार्यशाला में जनसत्ता व् एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार व् लेखक सुधीर जैन द्वारा लखीमपुर खीरी से प्रकाशित वन्य जीवन व् कृषि पर आधारित दुधवा लाइव जर्नल के ऑफलाइन संस्करण का विमोचन किया, इस हिन्दी व् अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाले जर्नल के पीडीफ अंक ऑनलाइन स्थल अकेडेमिया डॉट एडू व् इस्स्सू डॉट कॉम पर भी मौजूद है. जून का अंक जल-विशेषांक के तौर पर प्रकाशित किया गया है.
दुधवा लाइव डेस्क
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