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Nov 3, 2015

बाघ और जंगल बचेंगे तभी मानव बचेगा-सुश्री मेहदेले



मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले ने किया ’’ बाघों की वापसी’’ पुस्तक का विमोचन
बाघ पुर्नस्थापना की छठवीं वर्षगांठ पर होगा भव्य समारोह 
पन्ना, 2 नवम्बर 
पन्ना में बाघ पुर्नस्थापन परियोजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। विश्व में अपने तरह की इस अनूठी परियोजना को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पन्ना टाईगर रिजर्व के तत्कालीन क्षेत्र संचालक आर. श्रीनिवास मूर्ति ने अपने अनुभवों को हमारे बाघों की वापसी पुस्तक में संजोया है। प्रदेश के स्थापना दिवस पर इस पुस्तक का समारोहपूर्वक विमोचन सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले मंत्री पशुपालन, पीएचई, ग्रामोद्योग, मछली पालन, विधि एवं विधायी कार्य ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पन्ना टाईगर रिजर्व तथा यहां के बाघ पन्ना की पहचान हैं। बाघ और जंगल बचेंगे तभी मानव का जीवन बचेगा। बाघ पुर्नस्थापन योजना की सफलता ने पन्ना को विश्वभर में चर्चित कर दिया है। इसके अनुभवों से जुडी पुस्तक पन्ना में बाघ संरक्षण का ऐतिहासिक दस्तावेज है।

मंत्री सुश्री मेहदेले ने कहा कि बाघ पुर्नस्थापन परियोजना की सफलता किसी चमत्कार से कम नही है। आमजनता के सहयोग तथा वन विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के अथक प्रयासों से यह संभव हुआ है। इसका श्रेय श्रीनिवास मूर्ति जी को है। उन्होंने कहा कि पन्ना टाईगर रिजर्व आमजनता के सहयोग से बाघ संरक्षण का कार्य कर रहा है। इसके आसपास के गांव में रोजगार के पर्याप्त अवसर सृजित करने का भी प्रयास करें। पन्ना में बाघ बढे-पर्यटन बढे तथा लोगों को भरपूर रोजगार मिले ऐसी कार्ययोजना बनाए। उन्होंने बाघ संरक्षण का विस्तृत दस्तावेज तैयार करने तथा जंगल बुक की तरह सीरियल अथवा फिल्म बनाने का सुझाव दिया।

समारोह में सीसीएफ आर. श्रीनिवास मूर्ति ने कहा कि बाघ पुर्नस्थापना की सफलता के फलस्वरूप आज पन्ना में 32 बाघ हैं। इसकी सफलता को पुस्तक के रूप में पियूष सेकसरिया तथा सुश्री विद्या ने संजोया है। इसके प्रकाशन में आ रही कठिनाईयों को सतना के तत्कालीन कलेक्टर तथा वर्तमान में संचालक कृषि मोहनलाल मीणा ने दूर कराया। उनकी पहल पर सतना की एक सीमेन्ट फैक्ट्री के सहयोग से पुस्तक का प्रकाशन किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में 16 अप्रैल को बाघ पुर्नस्थापना की 6वीं वर्षगांठ पर शानदार समारोह आयोजित किया जाएगा। इसमें देश ही नही विदेशों के भी प्रतिनिधि शामिल होंगे। तब तक बाघ संरक्षण एवं पन्ना की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि में तैयार किए जा रहे ग्रंथ का पहला भाग प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने बाघ संरक्षण की सफलता में सहयोग देने के लिए जिले के राजनैतिक नेतृत्व, अधिकारियों, समाज सेवियों तथा आमजनता के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने वन्य जीवों के शिकार पर आजीविका चलाने वाले पारधी समुदाय को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने तथा इनके बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की उचित सुविधा देने का अनुरोध किया।

समारोह में संचालक कृषि मोहनलाल मीणा ने कहा कि पन्ना टाईगर रिजर्व के आसपास के गांव के किसानों की फसलों को वन्य प्राणियों से सुरक्षा देने के लिए शीघ्र ही खेतों में चेनलिंक फेसिंग करायी जाएगी। इसके लिए किसानों को शत प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। समारोह में पूर्व सांसद लोकेन्द्र सिंह ने केन वेतवा लिंक परियोजना से घट रहे नेशनल पार्क के 80 वर्ग किलो मीटर के क्षेत्र की प्रतिपूर्ति का सुझाव दिया। समारोह में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री ए.के. पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक आई.पी. अरजरिया, श्रीमती दिव्यारानी सिंह, सतानन्द गौतम, वन मण्डलाधिकारी संजय श्रीवास्तव तथा पत्रकार अरूण सिंह ने बाघ संरक्षण तथा पन्ना में बाघ पुर्नस्थापना की सफलता एवं पर्यटन विकास पर अपने विचार व्यक्त किए। समारोह में पुस्तक के लेखक पियूष तथा विद्या ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष रविराज सिंह यादव, नगरपालिका अध्यक्ष मोहनलाल कुशवाहा, सीजेएम बी.आर यादव, महारानी दिलहर कुमारी, पर्यावरण विद, समाज सेवी तथा वन विभाग के अधिकारी एवं नेचर केम्प से जुडे सैकडों विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

अरुण सिंह 
पन्ना टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश, भारत 
aruninfo.singh08@gmail.com

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