पन्ना टाइगर रिजर्व बना इन पक्षियों का पसंदीदा ठिकाना
गणना में नौ प्रजाति के 1676 गिद्ध पाये गये
पन्ना, मध्य प्रदेश, विलुप्त होने की कगार में पहुंच चुके आसमान के बादशाह कहे जाने वाले मांसाहारी पक्षी गिद्धों की संया पन्ना टाइगर रिजर्व के जंगल में तेजी से बढ़ रही है. यहां की प्राकृतिक आबोहवा व अनुकूल रहवास स्थानीय गिद्धों के अलावा प्रवासी गिद्धों को भी रास आ रही है. आकाश में ऊंची उड़ाने भरते गिद्ध यहां सहज ही नजर आते हैं, जो पर्यावरण व पक्षी प्रेमियों के लिए एक सुखद समाचार है. पन्ना टाइगर रिजर्व में 5 से 8 फरवरी तक हुई गिद्धों की गणना में विभिन्न प्रजाति के कुल 1676 गिद्ध पाये गये हैं जो बीते वर्ष हुई गणना 910 की तुलना में काफी अधिक है.
क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व आर.श्रीनिवास मूर्ति ने जानकारी देते हुए आज बताया कि इस वर्ष हुई गिद्ध गणना में एस.ओ.पी. तकनीक का उपयोग किया गया है, जबकि इसके पूर्व वर्ष 2011 से 2014 तक पी.पी.पी. पद्धति से गिद्धों की गणना की जाती रही है. श्री मूर्ति ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के 28 गिद्ध गणना स्थलों में 12 राज्यों के 68 प्रतिभागियों सहित 12 स्थानीय गाइडों ने गिद्धों की गणना में सहभागिता निभाई. प्रतिभागियों द्वारा एकत्रित की गई जानकारी की विश्वसनीयता को कायम रखने के लिए मौके पर जी.पी.एस. का अभिलेखन भी किया गया. गणना की इस प्रक्रिया में टेलिस्कोप का भी उपयोग हुआ है. गिद्धों की संया के साथ - साथ गिद्धों के घोसलों की भी गिनती एस.ओ.पी. के माध्यम से बेहतर संभव हो सकी है. इस पूरी प्रक्रिया को विकसित करने में हैदराबाद के अरूण वासि रेड्डी एवं कीर्ति कुमार अनुमूला व उनके सहयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
गिद्धों की हुई गणना के आंकडों से स्पष्ट होता है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में लांग विल्ड वल्चर की संया उत्साह जनक रूप से बढ़ी है. इनकी संया 1191 पाई गई है तथा लांग विल्ड वल्चर के 398 जीवित घोसले भी पाये गये हैं जो एक शुभ संकेत है. गणना में व्हाइट बैक्ड वल्चर 45, इजिप्सियन वल्चर 12 तथा रेड हेडेड वल्चर 20 पाये गये हैं. प्रवासी गिद्धों में यूरेसियन ग्रिफन वल्चर 139, हिमालयन ग्रिफन 144 तथा सेनरस वल्चर की संया 1 पाई गई है. गणना में जिन गिद्धों की पहचान नहीं की जा सकी है उनकी संया 124 है. आंकड़ों में व्हाइट बैक्ड वल्चरों की संख्या विगत वर्षां की तुलना में कम है जो चिंता की बात है. इस वर्ष इनकी संया 45 आंकी गई है, जबकि 2013 में 146 तथा 2014 में 54 थी. बताया गया है कि व्हाइट बैक्ड वल्चर के घोसले फरवरी के बाद बनाये जाते हैं, अत: इनके बारे में अलग से अध्ययन करने की योजना है. पन्ना टाइगर रिजर्व में सपन्न हुई इस वर्ष की गणना में 1260 से अधिक स्थानीय गिद्ध एवं 260 से अधिक प्रवासी गिद्ध चिन्हित किये गये हैं. उल्लेखनीय बात यह है कि इस वर्ष भी 18 की संख्या में पेरीग्रीन फलकन पिक पाये गये हैं.
सबसे तेज रफ़्तार पक्षी पेरीग्रीन फलकन भी मिले
पन्ना टाइगर रिजर्व में चार दिनों तक चली गिद्धों की गणना के दौरान दुनिया के सबसे तेज रफ़्तार पक्षी पेरीग्रीन फलकन पिक भी पाये गये हैं. इन मांसाहारी पक्षियों की संया यहां पर 18 है जो निश्चित ही उल्लेखनीय और आश्चयजनक बात है. उप संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व अनुपम सहाय इस अनूठे पक्षी के बारे में बताया कि पेरीग्रीन फलकन पिक 320 किमी. प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ान भरता है जो दुनिया के तेज रफ़्तार पक्षियों में सबसे ज्यादा है. इस पक्षी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह उड़ान भरते हुए जीवित पक्षियों को ही पकड़कर खाता है. यह पक्षी चिडिय़ों का शिकार करके जिन्दा रहता है. श्री सहाय ने बताया कि इस बार पन्ना टाइगर रिजर्व के अलावा पवई में भी गिद्धों की गणना कराई गई जहां विभिन्न प्रजाति के 235 गिद्ध पाये गये हैं.
अरुण सिंह
पन्ना, मध्य प्रदेश भारत
aruninfo.singh08@gmail.com
बुंदेलखंड के बाँदा में वनविभाग की गिनती में वर्ष २०१५ में पांच गिद्ध पाए गए है जबकि यह आकड़ा अधिक है ऐसा मेरा अपना मत है आपको विस्तार रिपोर्ट के लिए बधाई , अगर इजाजत हो तो यह रिपोर्ट साभार प्रवासनामा के फरवरी अंक में प्रकाशित करे ....उत्तर की प्रतीक्षा में - आशीष सागर
ReplyDelete