जीसस शार्ली....
फ्रेंच मैगजीन शार्ली एब्दो के इस अंक में काले हुरूफ़ है जो की कई भाषाओं में है जिनमे लिखा जी'सस शार्ली ....(मैं शार्ली हूँ)
अगला अंक बुधवार को फिर होगा जारी.....
फ्रांस की एक साप्ताहिक मैगजीन जो दुनिया के तमाम मसलों पर बड़े तीखे तंज़ कसने में मशहूर रही, फिर चाहे वह राजीनीति हो या धर्म, इस साप्ताहिक मैगजीन ने कैथोलिक, दक्षिणपंथ और इस्लाम आदि धर्मों पर तीखे अंदाज़ में कंटेंट प्रकाशित किए, कार्टून, लेख व् जोक्स के तौर पर, विवादों में रही यह पत्रिका सन १९६९ में शुरू हुई और १९८१ में बंद हुई, १९९२ में फिर इसकी शुरुवात हुई जो जारी है अनवरत तमाम आरोप प्रत्यारोपों के बावजूद. प्रत्येक बुधवार को प्रकाशित होने वाली शार्ली एब्दो, सन २०१५ के पहले महीने के पहले बुधवार को अपने प्रकाशन के रोज़, कट्टरपंथियों के हमले का शिकार हुई, प्रोफेट मोहम्मद के कार्टून और उन्हें पत्रिका का गेस्ट एडीटर बनाकर पेश करने के लिए.
अभी पिछले दिनों एक अंक में शार्ली एब्दो में मरियम और जीसस पर भी व्यंगात्मक कार्टून जारी किया था.
अभी पिछले दिनों एक अंक में शार्ली एब्दो में मरियम और जीसस पर भी व्यंगात्मक कार्टून जारी किया था.
दुनिया में जब भी जेहाद के नाम पर बम दागे गए लोगों का क़त्ल किया गया, तब तब इस पत्रिका ने कट्टरपंथियों के विरोध में और उनकी कथित मान्यताओं पर व्यंग किए और इसके लिए इस पत्रिका को पहले भी निशाना बनाया गया सन २०११ में और शार्ली एब्दो के कार्यालय पर बम फेका गया, नतीजतन शार्ली एब्दो ने नए ठिकाने से दुनिया को बड़े बड़े मसलो और दिक्कतों को अपने अंदाज़ से झकझोरने की कोशिश की ताकि लोगों की मानवीय संवेदनाएं प्रखर रहे और मुखर भी बजाए की मानवता कट्टरपंथ की नापाक हरकतों से बिखर जाए........
पत्रिका ने तमाम आतंकवादी संगठनों के आकाओं के भी कार्टून्स प्रकाशित किए, दुनिया के किसी भी हिस्से में जब जब इस तरह की मिलीशिया ने मानवता के खिलाफ खून बहाया, शार्ली एब्दो ने उसे बड़े ही उम्दा ढंग से दिखाया दुनिया को कार्टून के जरिए, संवेदनाओं को जगाने की इस कोशिश में शार्ली एब्दो को जो कीमत चुकानी पडी इस बार उसे लौटाया नहीं जा सकता पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का यह सिलसिला जारी रहेगा...शार्ली एब्दो पत्रकारिता के प्रकाश स्तम्भ के तौर पर रोशन रहेगा कलम के सिपाहियों को रास्ता दिखाने के लिए हमेशा हमेशा ......
दुधवा लाइव मैगजीन शार्ली एब्दों पर हुए हमले की निंदा करते हुए, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए कट्टरपंथ और फिरकापरस्ती के विरोध में शार्ली एब्दो के साथ है. इस नृशंस हत्याकांड में मारे गए लोगों को दुधवा लाइव की तरफ से भाव भीनी श्रद्धांजली.....
दुधवा लाइव डेस्क
दुधवा लाइव मैगजीन शार्ली एब्दों पर हुए हमले की निंदा करते हुए, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए कट्टरपंथ और फिरकापरस्ती के विरोध में शार्ली एब्दो के साथ है. इस नृशंस हत्याकांड में मारे गए लोगों को दुधवा लाइव की तरफ से भाव भीनी श्रद्धांजली.....
दुधवा लाइव डेस्क
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ReplyDeleteभाई साहब कार्टून दो प्रकार के होते हैं !
ReplyDeleteGood Cartoon (M F Hussain)
और
Bad Cartoon (Charlie Hebdo).