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International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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Aug 25, 2014

जल पुरुष के नाम एक पत्र बुंदेलखंड की धरती से


बुंदेलखंड की धरती पर नदियों तालाबों को बचाने के नाम पर ठगी का जो व्यापार चल रहा है उसका एक ये भी मजमून है ज़रा देख लीजिए....................



सेवा में ,                                                                                                     दिनांक – 14.08.2014
                                                                             

 

आदरणीय राजेंद्र सिंह राणा ( जल पुरुष ) तरुण भारत संघ जी / 
श्रीमान श्री प्रकाश सिंह जी ( सचिव नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश शासन ) लखनऊ ,


विषय - आगामी 30 अगस्त 2014 को बुंदेलखंड के जनपद महोबा में होने वाली बैठक के बावत l 

महोदय ,

आप सभी को सादर प्रणाम कर रहा हूँ l आशा है आप सभी प्रबुद्ध जन स्वाथ्य लाभ से सकुशल होंगे l 
उपरोक्त विषयक अवगत कराना है कि आज 13 अगस्त को मैंने महोबा दैनिक जागरण समाचार की स्थानीय संलग्न खबर पढ़ी है l  जिसमे आदरणीय श्री राजेंद्र सिंह राणा जी एवं प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास , अन्य सभी आला अधिकारी के सानिध्य में एक बैठक महोबा की चन्द्रावल और झाँसी की पहुंज नदी के पुनर्जागरण को लेकर की जा रही है l इसके लिए साधुवाद है लेकिन कुछ संदर्भित आवश्यक समीचीन प्रश्न भी आपके समक्ष छोड़ रहा हूँ जिनका उत्तर और समाधान बुंदेलखंड के पानीदार भविष्य के लिए जनहित में , समाजहित में है l इन पे ध्यान केन्द्रित करे - 

दैनिक जागरण महोबा 13 अगस्त की खबर देखी मैंने लेकिन सवाल यह भी है अपना कि - 
उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री श्रीमान अखिलेश यादव जी के ही सानिध्य में गत 7 फरवरी 2013 और 22 मार्च 2013 को " बुंदेलखंड जल पैकेज 223.91 करोड़ - 16 तालाब के पुनर्निर्माण " को लेकर आहूत की गई थी जिसमे एक की अध्यक्षता माननीय आज़म खान , शिवपाल सिंह यादव जी के साथ झाँसी में और दूसरी स्वयं माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ हुई थी l 

इसमे बुंदेलखंड के 16 तालाबो को सहेजने और उनके माध्यम से यहाँ के जल संकट के समाधान खोजने की पहल पर  विस्तार से चर्चा की गई थी l मगर उन 16 तालाबो को हम नही सहेज पाए आज तक l 

1 - 16
प्रस्तावित तालाबो को बचा नही पाए माननीय मुख्यमंत्री जी तो क्या अब दो इन नदियों की बारी !
2 -
तो क्या फिर छला जायेगा बुंदेलखंड का पानी ?

3 -
तो क्या अबकी बार चन्द्रावल और पहुंज नदी का बहाना है पुनर्निर्माण के नाम पर ?


4 – बुंदेलखंड के उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश वाले इलाके में प्रस्तावित प्रकृति विनाशक केन – बेतवा नदी गठजोड़ परियोजना पर आपका क्या मंतव्य है ?

इस पुरे प्रस्ताव में महोबा के 5 तालाब , बाँदा 4 और झाँसी के 6 तालाब थे l जिनमे महोबा के बेला सागर , कीरत सागर ( राष्ट्रीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है )

,
मदन सागर,रैपुरा तालाब, कुरवारा तालाब , कुलपहाड़ तालाब के साथ बाँदा के छाबी तालाब , प्रागी तालाब , , बाबू साहेब तालाब ,गोसाई तालाब , नवाब टैंक , झाँसी के लक्ष्मी तालाब , पचवारा तालाब , बंगरा लठवारा , गुरसराय बड़ागांव और मौउरानीपुर तालाब शामिल थे l जल पैकेज था 223.91 करोड़ रुपया प्रस्तावित हुआ जिसमे 19 करोड़ महोबा और झाँसी से रुपया वापस हुआ जिला प्रसाशन की बदोलत ? ये कार्य " राष्ट्रीय झील संरक्षण कार्यक्रम " के तहत होने थे जिसमे आधा रुपया पैकेज का केंद्र सरकार ( आर.आर. योजना से देना था ) को देना था l गत 7 फरवरी 2013 और 22 मार्च 2013 को दो बैठक हुई एक में झाँसी आयुक्त सभागार में माननीय आजम खान मंत्री नगर विकास विभाग , श्रीमान शिवपाल सिंह यादव मंत्री शिचाई / लोकनिर्माण विभाग , सातो जिलो के जिलाधिकारी , चित्रकूट - बाँदा और झाँसी के मंडल आयुक्त , जलनिगम महा प्रबंधक , जल संस्थान अधिकारी , और दुसरे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद शामिल थे शिवपाल सिंह यादव , श्री आज़म खान के साथ हुई थी l इसकी तीसरी बैठक में भाई पियूष बबेले i इंडिया टुडे पत्रकार सदस्य एक्सपर्ट समिति ) )और श्री सुधीर जैन ( जनसत्ता ) रहे बुंदेलखंड की तरफ से बाकि पहली दो बैठको में मै खुद ( सदस्य एक्सपर्ट समिति ) शामिल रहा था l 
मगर प्रदेश सरकार ने कुछ

नही किया इस सपने का महज हम सबने सब्जबाग ही देखा अभी तक l 16 तालाब आज भी अपने पुनर्निर्माण का रास्ता देख रहे है l बुंदेलखंड क्या हर बार बस वादों के पिटारे  के साथ छला जायेगा ? बुंदेलखंड को सिवाय छलने के सरकारे करती क्या है और उनके लिए इसका मोहरा बनते है सामाजिक कार्यकर्ता , पर्यावरण कार्यकर्ता जिसका समाज में नितांत गलत  सन्देश जा रहा है l आप से निवेदन है कि एक बार पुनः इस पर चिंतन और मंथन की महती आवश्यकता है कि हमसे गलतियाँ कहाँ पे हुई है या हो रही है ?

क्या हर मर्तबा बुंदेलखंड के हिस्से केंद्र और प्रदेश की सरकारे , जन सामाजिक कार्यकर्ता आवाम के सामने प्राकृतिक सम्पदा को  सुरक्षित रखने के नाम पर मात्र अपना प्रसिद्धी का उच्च सोपान ही प्राप्त करती रहेंगी और ये कब तक चलना है ?

आगामी तीस अगस्त का जनपद महोबा में मै आपकी सेवा में एक ज्ञापन पात्र इस सन्दर्भ में प्रस्तुत करूँगा l 
जो कटु बोल लिखे है उनके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ लेकिन ये समय की मांग है जनहितार्थ l समुदाय और समाज के साथ भ्रान्ति उतनी ही घातक है जितना की राज्य और स्वराज्य में मनभेद होना l 
                                                       
                                                                         सादर समर्पित - प्रणाम 
                                    
आपका अनुज – आशीष सागर , बाँदा - बुंदेलखंड 
ashishdixit01@gmail.com

कुछ अखबारों की कतराने बुंदेलखंड में हो रहे पानी के व्यापार की-





दुधवा लाइव डेस्क* 

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