किशनपुर वन्य जीव विहार लखीमपुर खीरी में स्थित है, मौजूदा वक्त में यह दुधवा टाइगर रिजर्व का भी हिस्सा है, शारदा नदी के निकट झादी ताल मुख्य आकर्षण का केंद्र है यहां, वजह यहाँ मौजूद बारहसिंघा की अच्छी तादाद और बाघों का इस ताल के आसपास विचरण, किन्तु यहां बाघों व् अन्य जीवों के शिकार की घटनाएं होती रही है, स्थानीय गाँवों के अपराधिक लोगों विशेषत: क्रिमिनल ट्राइब्स और वन्य जीव अपराधियों की साठ - गाँठ हमेशा इस वन्य जीव विहार के जीवों के लिए ख़तरा बना हुआ है. जंगल के बफर जोन में भूमि अतिक्रमणकारी भी किशनपुर के वन्य जीवन के लिए दुश्मन बने हुए है. मानव और वन्य जीवों के मध्य यहां संघर्ष जारी है, गुनहगार मानव ही जीतता है इस जंग में, जो इन जीवों के आवासों और इनकी जिंदगियों का दुश्मन है.
गर्मियों में बाघों व् अन्य वन्य जीवों के लिए सेंक्चुरी में पानी के स्रोतों की अत्यधिक आवश्यकता है. और सुरक्षा की भी. ताकि खीरी के ये वन सदैव इस धारीदार चमकीले पीतवर्ण व् साहस के प्रतीक जंगल के राजा बाघ की प्रजाति को सरंक्षित रख सके.....
डॉ धर्मेन्द्र सिंह के कैमरे की नज़र से .......(सभी तस्वीरें: डॉ धर्मेन्द्र सिंह)
डॉ धर्मेन्द्र सिंह ( वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर, जंगलों में नियमित भ्रमण, पेशे से आटोलैरिंगोलॉजिस्ट (ई इन टी सर्जन) लखीमपुर खीरी में निवास, इनसे dharmusingh.balyan@facebook.com पर संपर्क कर सकते हैं)
Superb and Stunning Photographs! (Uruj Shahid)
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