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Jun 18, 2014

प्रणय युद्ध में दुधवा के जंगल में हुई हाथी की मौत




तीन डाक्टरों की टीम ने किया पोस्टमार्टम
फोटो: दुधवा क्षेत्र के बांकेंताल में मृत पड़ा हाथी का शव



दुधवा-खीरी से, डीपी मिश्र। दुधवा नेशनल पार्क के इतिहास में पहली बार दो नर हाथियों के बीच बांकेताल के पास हुए प्रणय युद्ध में एक युवा हाथी को अपनी जान असमय गंवानी पड़ गई। हाथी की मौत से पार्क प्रशासन में खासा हड़कंप मच गया है। सूचना पर दुधवा के एफडी शैलेष प्रसाद, डीडी वीके सिंह आदि मौके पर पहुंच गए एवं घटनास्थल का निरीक्षण किया। तीन डाक्टरों के पैनल से हाथी केशव का पोस्टमार्टम किया है। जिसमें मौत का कारण घावों से अधिक खून का बह जाना बताया गया है। हाथी के शव को पार्क अधिकारियों ने अपनी देखरेख में दफन करा दिया है।

यूपी के एकमात्र दुधवा नेशनल पार्क के जंगल में चार दर्जन से ऊपर हाथियों का दल स्वच्छंद विचरण कर रहा है। इस दल में शामिल दो युवा नर हाथियों के बीच बांकेताल के पास प्रणय को लेकर बलशाली साबित करने के लिए हुए युद्ध में कमजोर पड़े एक हाथी की मौत हो गयी। पार्क के इतिहास में प्रणय युद्ध में पहली बार हाथी की मौत की हुई घटना से दुधवा पार्क प्रशासन में खासा हड़कंप मच गया। सूचना पर दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर शैलेष प्रसाद, डिप्टी डायरेक्टर वीके सिंह, बेलरायां वार्डन आनंद कुमार, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ समन्वयक डाॅ मुदित गुप्ता आदि मौके पर पहुंच गए एवं घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण किया। डब्ल्यूटीआई के डाॅ सौरभ सिंघई तथा राजकीय पशु चिकित्सालय सूंडा के डाॅ वीआर निगम, खजुरिया के डाॅ नीरज गुप्ता ने हाथी के शव का परीक्षण किया। लगभग दस-बारह वर्ष की आयु वाले हाथी की मौत का कारण अधिक रक्तस्त्राव बताया गया है। उसके गले तथा पिछले हिस्से में हाथी दांत के गहरे निशान मिले हैं। बीते रविवार को दोपहर बाद दो से चार बजे के आसपास हाथी की मौत होने के समय का अनुमान लगाया गया है। दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर वीके सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव को मौके पर निगरानी में ही दफन करा दिया गया है।


देवेन्द्र प्रकाश मिश्र 
पलिया - खीरी 
dpmishra7@gmail.com

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