दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के किशनपुर वन्य जीव विहार में एक नामी फिल्म निर्देशक के द्वारा किसी फिल्म की सूटिंग का बंदोबस्त किया गया, तमाम धुंआ फेकती गाड़ियां, जेनरेटर, धूम्रपान के प्रदूषण के अतिरिक्त सदियों तक न ख़त्म होने वाला थर्माकोल व् प्लास्टिक की तस्तारियाँ व् बोतले फेकी गयी इस सरंक्षित क्षेत्र में, वन्य जीव अधिनियम की धज्जिया उड़ाते लोग फिर भी किंकर्तव्य विमूढ़ बने रहे वनविभाग के अफसर व् मातहत, जहां बाघों को बचाने के लिए भारत सरकार इतने प्रयास कर रही है वही बाघों के परिक्षेत्र में लोगबाग हर किस्म के प्रदूषण फैला रहे है, और प्रशासन मूक है बुर्जुआ लोगों के प्रभाव में, गौरतलब है की भारत में बाघों की घटती तादाद में वैज्ञानिकों का अध्ययन यह इशारा करता है की तराई के ये शाख़ो के वन और नदियों के मध्य के घास के मैदान ही बंगाल टाइगर की नस्ल को सुरक्षित रख सकते है, ऐसे में मानव की बेजा दखलंदाजी यकीनन हमारे भारतीय बाघ को जो हमारा राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह भी है के आवासों को प्रभावित कर रही है....बाघों के इस परिक्षेत्र में किस तरह घुसे ये व्यवसायिक लोग और किस तरह वन्य संपदा में फैलाई गन्दगी इसका पूरा तस्किरा कर रहे लखीमपुर खीरी "गुलरिया" के पत्रकार अब्दुल सलीम खान.......
लाइव शूटिंग इन दुधवा टाइगर रिजर्व एरिया
पैसे खर्च करो, और जैसे चाहो करो इस्तेमाल
दुधवा टाइगर रिजर्व एरिया में आपका स्वागत है। अगर आप आम पर्यटक हैं तो यहां पर आप को धूम्रपान तो छोडि़ए पानी की खाली बोतल यहां तक कि गुटखा के खाली पाउच पार्क एरिया में फेकने पर आपका गाइड आपको वाइल्डलाईफ एक्ट की गाइडलाइन बताता नजर आएगा। पर खास लोगों के लिए यहां पर सब कुछ जायज है। शुक्रवार को यूपी की शान कहे जाने वाले पार्क क्षेत्र में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान कोई नियम-कानून के मायने नही नजर आए। किशनपुर सेंक्चुरी के झादी ताल पर फिल्म की शूटिंग के दौरान सहायक स्टाफ धड़ल्ले से धूम्रपान करता रहा, ओर प्लास्टिक की खाली बोतले और प्लेटें जंगल में इधर उधर फेंकी गईं। ये सब वन विभाग के अफसरों के सामने हुआ।
कोटवारा स्टेट के राजा व फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली इन दिनों अपनी एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में जिले में हैं। इस फिल्म की शूटिंग एक दिन के लिए दुधवा टाइगर रिजर्व एरिया के किशनपुर सेंक्चुरी क्षेत्र के झादी ताल की परमीशन ली गई थी। शुक्रवार को सुबह छह बजे फिल्म की पूरी टीम झादी ताल पहुंच गई। करीब २०-२५ गाडिय़ा, साईलेंस जनरेटर, तामझाम के साथ फिल्म की शूटिंग शुरु हुई। शूटिंग के दौरान रिजर्व क्षेत्र में फिल्म का सहायक स्टाफ जमकर धूम्रपान करता नजर आया। करीब पचास मीटर एरिया में पानी की खाली बोतलें व थर्माकोल की प्लेटें, गुटखा पाउच के रैपर सब कुछ हवा में फैलते जा रहे थे। पूरा दिन वाहनों का फर्राटे भरना लगा रहा, इसके अलावा वन महकमे की पूरी टीम खड़ी थी, लेकिन ऐसा लगता था वह सिर्फ इसलिए तैनात हैं, कि कोई शूटिंग को डिस्टर्ब न करे। देर शाम तक जंगल में टीम व उनके वाहन डटे रहे, फिल्म की शूटिंग चल रही थी।
बाघ व बारासिंगा का बेहतरीन हैविटेट है किशनपुर वन्य जीव विहार
जहां पर शूटिंग चल रही थी, इस स्थान को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, अगर कभी आप झादी ताल जाएं तो आपका गाइड आपको यहां पर साइलेंस रहने के बाद बताएगा कि इस सागौन के पेंड़ पर टाइगर रोजाना अपने नाखून साफ करने आता है। आए दिन इसी स्थान पर टाइगर की लोकेशन मिलती है।
किशनपुर सैंक्चुरी का झादी ताल बारह सिंघा के बेहतरीन हैविटेट के लिए विश्व विख्यात है, इस उथले पानी के तालाब के मध्य छोटे छोटे घास के मैदान भी मौजूद है जहां बाघों को विचरण करते हुए कभी भी देखा जा सकता है, इस उथले पानी के घास के मैदान में नाव डालकर फिल्म की सूटिंग की गयी, जो की बारह सिंघा के इस समुदाय के लिए अनुचित गतिविधि है. वन्य जीवन के मध्य इंसानी फ्दखाल न बढे इसलिए राष्ट्रीय उद्यानों व् वन्य जीव विहारों की स्थापना की गयी, और इन सरंक्षित क्षेत्रों की सुरक्षा वन्य जीव अधिनियम १९७२ के तहत सुनाश्चित कराई गयी, किन्तु यहाँ नियमों का खुलेआम उलघंन किया गया फिल्म निर्माण के दौरान .....
वाकई बाक्सर तो कमाल के होते हैं। फिल्म शूटिंग के दौरान लोगों को दूर रखने के लिए बाक्सर (सुरक्षाकर्मी) पत्रकारों को धमकाते रहे कि फोटो लोगे तेा कैमरे जब्त कर लेंगे।
अब्दुल सलीम खान
salimreporter.lmp@gmail.com
We have seen some people with fire arms in Dudhawa itself !!! They were related to Political Big-wigs , we were told !!!
ReplyDeleteBehad afsos ki baat hai sharm aani chahiye prasasan ko
ReplyDeleteShame
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