बाघ की तलाश में फिर से घूमे हाथी, नही मिला बाघ
सेमरिया, बहादुरनगर, डिमरौल में पूरे दिन हुई कांबिंग
डीएफओ, रेंजर व डब्ल्यूटीआई टीमों ने अलग-अलग घूमे
बिजुआ। भीर रेंज से निकले बाघ के बुधवार को कोई नई लोकेशन व ताजा पगमार्क न मिलने से वन महकमे ने राहत की सांस ली है। लोगों के बीच कायम खौफ को कम करने के लिए दुधवा नेशनल पार्क के हाथी अब भी यहां डटे हैं। बुधवार को एक बार फिर दोनो हाथी सुबह से ही सेमरिया, बहादुरनगर व डिमरौल गांव के आस पास गन्ने के खेतों में बाघ की तलाश में घूमते रहे।
डिमरौल गांव में शुक्रवार को छैलबिहारी को मौत के घाट उतारने व उसी रोज पोला ङ्क्षसह पर हमला कर घायल करने वाले बाघ की तलाश में एक बार फिर हाथी डिमरौल गांव के आस पास डटे रहे। सुबह से रेंजर मंगत ङ्क्षसह मलिक महकमे की टीम व हाथी के दल के साथ सेमरिया, बहादुर नगर व सौनाखुर्द गांव के आसपास के गन्ने के खेतों में काङ्क्षबग करते रहे।
बिजुआ। बुधवार को बेसिक शिक्षा महकमे के पांच स्कूलों में बंद ताले खोल दिए गए, लेकिन इन स्कूलों में छात्र कम आए। खंड शिक्षा अधिकारी अनुराग कुमार मिश्रा ने बताया गुरुवार को छुट्टी होने से स्कूल बंद ही रहेंगे। अगर कल कोई बाघ की नई लोकेशन नही मिलती है तो संभव है शुक्रवार को कुछ स्कूलों में बंद ताले खुल सकते हैं।
अब्दुल सलीम खान अमरउजाला में पत्रकार है, हिंदुस्तान अखबार में कई वर्षों तक पत्रकारिता कर चुके है ,वन्य जीवन एवं सामाजिक मुद्दों पर पैनी नज़र, गुलरिया खीरी में निवास, इनसे salimreporter.lmp@gmail.com पर संपर्क कर सकते है.
अब्दुल सलीम खान अमरउजाला में पत्रकार है, हिंदुस्तान अखबार में कई वर्षों तक पत्रकारिता कर चुके है ,वन्य जीवन एवं सामाजिक मुद्दों पर पैनी नज़र, गुलरिया खीरी में निवास, इनसे salimreporter.lmp@gmail.com पर संपर्क कर सकते है.
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