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Jan 25, 2014

दुधवा पार्क में दो गैंडों की लड़ाई में एक की मौत



लखीमपुर-खीरी। उत्तर प्रदेश के एकमात्र दुधवा नेशनल पार्क के इतिहास में पहली बार राइनो इलाका में दो मदमस्त गैंडों के बीच हुए प्रणय युद्ध में एक युवा गैंडा की मौत हो गई है। जिसका शव सलूकापुर के जंगल में गश्त के दौरान मिला है। युवा गैंडा के शरीर पर गंभीर चोटों के कई निशान मिले हैं। वीडियोग्राफी की निगरानी में शव का मौके पर ही तीन डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। गैंडे की मौत से पार्क प्रशासन में हड़कंप मच गया है। गैंडा के शव को दफन करके निकाले गए सींग को पार्क अधिकारियों ने अपनी देखरेख में जला दिया है। इससे पहले लगभग पंद्रह दिन पूर्व पार्क में एक गैंडा शिशु की मौत ठण्ड से हो गई थी।


दुधवा नेशनल पार्क के तहत सोनारीपुर रेंज क्षेत्र में विश्व की एकमात्र गैंडा पुनर्वास परियोजना चल रही है। 27 वर्गकिमी के संरक्षित जंगल में 30 सदस्यीय गैंडा परिवार स्वछंद विचरण करता है। इन दिनों गैंडों का प्रणयकाल चल रहा है। इसमें कई दिनों से मदमस्त युवा गैंडा भीम, नकुल, सहदेव को एकसाथ अक्रामक स्थिति में देखा जा रहा था। गैंडों के प्रणयद्वंद में गंभीर रूप से घायल हुए सहदेव को दो दिन पहले निगरानी करने वाले पार्क कर्मचारियों ने गस्त के दौरान देखा था।

इस पर बीते दिवस मानीटरिंग करने वाली हाथियों की टीम उसे सलूकापुर क्षेत्र के सुरक्षित जंगल में हांक कर खदेड़ लाई थी। मीयटिंग फाइटिंग में गंभीर रूप से घायल हुए युवा गैंडा सहदेव का इलाज षुरू हो पाता इससे पहले ही उसकी बीती रात मौत हो गई। दुधवा नेषनल पार्क के इतिहास में पहली बार प्रणय युद्ध में युवा गैंडा की हुई असमय मौत की सूचना पर खासी सनसनी फैल गई और पार्क प्रषासन में हड़कंप मच गया है। मामले से उच्चाधिकारियो को अवगत कराया। मौके पर दुधवा नेषनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर वीके सिंह, वार्डन एके श्रीवास्तव स्टाफ सहित मौके पर पहुंच गए और मौका मुआयना किया।

 6 अगस्त 2002 में पैदा हुआ सहदेव मादा गैंडा हिमरानी का चैथा पुत्र था। वीडियोग्राफी की निगरानी में गैंडा के शव का पोस्टमार्टम राजकीय पशु चिकित्सालय के डाक्टर राजेश निगम, डाक्टर नीरज कुमार और डब्ल्यूटीआई के डाक्टर सौरभ सिंघई, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के राइनो एक्सपर्ट रूचिर शर्मा, प्रणव चंचानी की देखरेख में कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गैंडा की मौत का कारण षरीर के नाजुक अंगों में लगी गंभीर चोटों को बताया गया है। गैंडा के शव् को दफन करने के बाद उसके निकाले गए सींग को पार्क के अधिकारियों ने अपनी देखरेख में जला दिया।

 दुधवा नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर वीके सिंह ने बताया कि प्रणय युद्ध में घायल हुए दूसरे गैंडा भीम और नकुल की खोजबीन के लिए टीमों को लगा दिया गया है, ताकि अगर जरूरत हो तो उनका इलाज किया जा सके। उन्होंने बताया कि गैंडों के बीच होने वाले इस प्रणय द्वंद को समाप्त करने के लिए जल्दी ही नर गैंडों का निकट बन रहे राइनो क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया जाएगा, इसके लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति मांगी गई है।


देवेंद्र प्रकाश मिश्र 
dpmishra7@gmail.com 


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