रेल दुर्घटना में मगरमच्छ घायल-
(दुधवा-पलिया) २३ अगस्त को शाम के वक्त दुधवा-पलिया रेलमार्ग पर एक मगरमच्छ की रेलगाड़ी से टकरा कर घायल होने खबर मिली है, बताया जा रहा है, कि इस घटना में मगरमच्छ के शरीर का पिछला हिस्सा ट्रेन से टकराया जिसमें उसकी पूंछ धड़ से अलाहिदा हो गयी। सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है, कि दुधवा नेशनल पार्क प्रशासन द्वारा स्थानीय वेटनरी डाक्टर से उसका इलाज कराया जा रहा है।
दुधवा जंगल से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइन जो कभी ब्रिटिश भारत में इस लिए निर्मित कराई गयी थी ताकि तराई की अकूत जंगल संपदा का दोहन किया जा सके। शाखू के जंगलों से इमारती लकड़ी के इस कारोबार को तब बन्द किया गया जब इसे संरक्षित क्षेत्र का दर्जा मिला, और सन १९७७ में नेशनल पार्क बनने से पूरे इलाके से कटान बन्द कर दिया गया और वन्य जीवों व वन संपदा के सरंक्षण के प्रयास शुरू किए गये।
यह एक मात्र दुर्घटना नही इससे पूर्व न जाने कितने बाघ, हाथी और अन्य वन्य जीव रेल दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। इसके बावजूद सरकारे कोई ठोस कदम नही उठा रही हैं। गौरतलब ये है, कि इतने विशाल जंगल में इतनी लम्बी रेललाइन पर कब कौन जानवर रेल से टकराकर मरा इसकी जानकारी भी बाहर नही निकल पाती, यानि इन जानवरों की मौत का कोई सही लेखा-जोखा भी नही है, बस मीडिया या स्थानीय लोगों के अतिरिक्त रेल-यात्रियों द्वारा कोई जानकारी मिलती है, वही रिकार्ड्स में दर्ज है।
वन्य-जीव प्रेमियों द्वारा रेलवे लाइन हटाने की बावत तमाम प्रयास किये जा चुके हैं, यदि इस जंगल से तेज रफ़्तार रेलगड़ियां यूं ही गुजरती रही तो तराई में पाये जाने वाले दुर्लभ जीव-जन्तु की प्रजातियां मुसलसल पटरियों पर अपनी जान गवाती रहेंगी।
दुधवा लाइव डेस्क
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