विश्व गौरैया दिवस-
२० मार्च गौरैया दिवस के रूप में बिगत दो वर्षों से मनाया जा रहा है. दुधवा लाइव की पहल पर यह "गौरैया बचाओ अभियान" सबसे पहले सन २०१० में शुरू किया गया, उत्तर भारत के पूरे तराई क्षेत्र के जनपदों में इस अभियान ने शहरों से लेकर गांवों तक पक्षी सरंक्षण में अपनी सार्थक भूमिका निभाई। जागरूकता का पैमाना इस बात से आंका जा सकता है, कि गांवों और शहरों मे लोगों ने अपने दरों-दीवार पर पानी और दाना रखना शुरू कर दिया, अपने आंगन के इस पक्षी की वापसी की उम्मीद से..नतीजे भी सामने आये हर जगह से फ़ोन और मेल आना शुरू हुए कि "गौरैया हमारे घर वापस आ गयी" ।
गौरैया बचाओ अभियान में रेडियों अखबार और टेलीविजन ने जो सहयोग दिए वो सराहनीय रहे, जन-जन तक पक्षी सरंक्षण की बात पहुंची और उस पर अमल भी हुआ। इस वर्ष भी हम मीडिया और सरंक्षण पर काम कर रहे गैर-सरकारी संस्थानों से उम्मीद करेगें कि वह जीवों के महत्व को बतलाने और उन्हे कैसे बचाया जाय इस अनियोजित विकास के दौर में, इस बात को सबके मध्य पहुंचानें में अपना सहयोग देंगें।
कृष्ण कुमार मिश्र
दुधवा लाइव
Mishra ji you are doing well job,I appreciate.
ReplyDeletebilkul sir
ReplyDeletehum sabhi apke saath hai,
our jo bhi ho sakega hum karenge,
u r our inspiration sir.
http://www.jagran.com/punjab/sangrur-8951533.html
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