फ़ोटो: मो० ज़ैद खान (गिरिजापुरी कालोनी बहराइच) |
दुधवा के इतिहास में एक और दर्ज हुआ काला अध्याय
कतर्निया रेंज में नही रूक रहा मानव- बाघ टकराव
अजीब इत्तफाक है, कतर्निया घाट में जिस दिन बाघों को बचाने के उद्देश्य से बूढ़ी कारों का काफिला पहुंचा, उस दिन पास के गांव मे ही दो तेंदुओं को गांव वालों ने पीट कर मार डाला। इन्सान और बाघ के बीच में यहां काफी समय से लड़ाई चल रही है, जो दूसरे के इलाके में पहुंचा मानो जुर्म हो गया।
कतर्निया रेंज में नही रूक रहा मानव- बाघ टकराव
अजीब इत्तफाक है, कतर्निया घाट में जिस दिन बाघों को बचाने के उद्देश्य से बूढ़ी कारों का काफिला पहुंचा, उस दिन पास के गांव मे ही दो तेंदुओं को गांव वालों ने पीट कर मार डाला। इन्सान और बाघ के बीच में यहां काफी समय से लड़ाई चल रही है, जो दूसरे के इलाके में पहुंचा मानो जुर्म हो गया।
फ़ोटो: मो० ज़ैद खान (गिरिजापुरी कालोनी बहराइच) |
शनिवार से था लोगों में गुस्सा
इसे खून का बदला खून कहें या कुछ और? शनिवार की बात है, श्रीरामपुरवा की पुष्पा उम्र २५ जंगल को लकड़ी लेने गई थी, घर पर पुष्पा का पति और एक साल का बेटा था, जंगल से वह वापस नही लौटी, एक बाघ ने पुष्पा को अपना शिकार बना लिया। गांव सिर्फ पुष्पा की लाश आई।
इसे खून का बदला खून कहें या कुछ और? शनिवार की बात है, श्रीरामपुरवा की पुष्पा उम्र २५ जंगल को लकड़ी लेने गई थी, घर पर पुष्पा का पति और एक साल का बेटा था, जंगल से वह वापस नही लौटी, एक बाघ ने पुष्पा को अपना शिकार बना लिया। गांव सिर्फ पुष्पा की लाश आई।
फ़ोटो: मो० जैद खान |
पुष्पा की चिता की आग अभी ठण्डी भी नही हुई कि रविवार को श्रीरामपुरवा से कुछ दूर बसे गांव बडख़रिया में दिन के लगभग २ बजे बाघ ने खेत मे पानी लगा रहे सोनू २० पर हमला कर दिया, साथ ही इसी गांव के फौजी ६३ और गीता ६० भी बाघ के हमले के शिकार बने। किसी तरह गांव वालो ने तीनो को बचाकर सुजौली के अस्पताल ले गये। लेकिन वहां कोई भी डाक्टर नही मिला। यहां भी ग्रामीणो का गुस्सा बढ़ गया, घायलो को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दो दिन से बाघ के हमले से ग्रामीण यूं ही भड़के थे, कि आनन्द नगर और बडख़रिया गांव के पास एक गेंहू के खेत मे ग्रामीणों और तेंदुओ का आमना सामना हो गया। बताते हैं यहां चार तेंदुए एक साथ बैठे थे, खतरा भांप तेंदुए का व्यस्क जोड़ा तो भाग खड़ा हुआ, लेकिन कम उम्र के दो नर तेंदुए उग्र भीड़ के गुस्से का शिकार बन गये। लोगों ने पीट-पीट कर दोनो शावको की जान ले ली।
अब्दुल सलीम खान (लेखक युवा पत्रकार है, वन्य-जीवन के सरंक्षण में विशेष अभिरूचि, जमीनी मसायल पर तीक्ष्ण लेखन, खीरी जनपद के गुलरिया (बिजुआ) गाँव में निवास, इनसे salimreporter.lmp@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं)
Very sad incident.
ReplyDeleteThe persons who have done should be caught & tried in court for their henious crime.
RAVINDRA YADAV
आप ही बताएं इसमें गलती किसकी कहें...ये तो होना ही है, कोई रोक सके तो रोक ले...
ReplyDeletejo kisaan ke sath hua hai uske koi bharpai nahi kar sakta par cubs ko maar dalna ye galat hai gunaah hai aisa nahi karna chahiye bahut dukh ki baat hai...mirza raju
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