वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

Breaking

बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Feb 4, 2011

दुधवा के स्थापना दिवस (२ फ़रवरी १९७७) पर विविध कार्यक्रम

वन-संपदा के रखवालों को वर्दियां व वाटर बाक्स दिए गये

पलियाकलां-खीरी। दुधवा नेशनल पार्क के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में महावतों एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों समेत गाइडों को वर्दियां एवं वाटर बाक्स प्रदान किए गए।


जानकारी के अनुसार दुधवा नेशनल पार्क परिसर के सभागार में आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम में दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड निदेशक शैलेष प्रसाद ने दुधवा के महावत इरसाद अली, मोहम्मद उमर, लल्लन बक्स, इदरीश अहमद, इमाम बक्स, जगरूप, नरेश कुमार, रामेश्वर आदि को वर्दी के साथ वाटर बक्स प्रदान करने के साथ दुधवा के सबसे पुराने गाइड नसीम खान को वर्दी पदान की गई। इसके अतिरिक्त लाल बहादुर, सोबरन लाला, इस्लाम, रामधन, लुट्टन, अयूब, अनीश, मनोहर आदि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों कारे वर्दी प्रदान करते हुए एफडी श्री प्रसाद ने कर्मचारियों के कार्यो की सराहना करके उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर दुधवा के उपनिदेशक संजय पाठक, डब्लूडब्लूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी डा. मुदित गुप्ता, आदर्श मिश्र, रेंजर एसपी सिंह, रेंजर गिरधारी लाल मौर्या, सिरदार बक्स सिंह, राधेश्याम भार्गव, सर्वजीत, विजय आदि पार्क कर्मचारी उपस्थित रहे।


जंगली हाथियों द्वारा पहुंचाई गयी क्षति का मुवावजा:


 दुधवा नेशनल पार्क के समीपवर्ती आबाद आदिवासी जनजाति थारूक्षेत्र में हाथियों द्वारा पहुंचाई गई क्षति से प्रभावित हुए 84 किसानों को लगभग डेढ़ लाख रूपए की मुआवजा राशि का वितरण किया गया।


जानकारी के अनुसार दुधवा पर्यटन परिसर दुधवा के सभागार में दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड निदेशक शैलेष प्रसाद ने थारूक्षेत्र में हाथियों द्वारा पहुंचाई गई फसल क्षति से प्रभावित हुए 84 किसानों में शासन द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि का वितरण किया। श्री प्रसाद ने कहा कि क्षति के हिसाब से यह राशि बहुत ही कम है इससे क्षतिपूर्ति तो नहीं हो सकती है वरन् यह मानवीय व्यक्त करने के लिए है। दुधवा के उपनिदेशक संजय पाठक ने बताया कि हाथी आदि के द्वारा पहुंचाई जाने वाली फसल क्षति के लिए शासन द्वारा एक एकड़ गन्ना फसल के लिए तीन हजार रूपए गेंहूं, धान आदि के लिए पच्चीस सौ रूपए तथा अन्य फसलों का साढ़े बारह सौ रूपए की क्षतिपूर्ति निर्धारित है इसी तरह कच्चा घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त है तो पन्द्रह सौ रूपए, आंशिक पर साढे सात सौ रूपए और झोपड़ी के लिए पांच सौ रूपए क्षतिपूर्ति दी जाती है। श्री पाठक ने बताया कि थारूक्षेत्र के 84 किसानों में एक लाख उनचास हजार रूपए की क्षतिपूर्ति वितरित की गई है।
दुधवा लाइव डेस्क

1 comment:

  1. WoW!! after reading this post and the scene is become in front of us that, Dudhwa is one the best national park in India where we can spot Royal Bengal Tiger... Really a nice jungle it is....

    ReplyDelete

आप के विचार!

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

Post Top Ad

Your Ad Spot