कतर्नियाघाट में बाघ का शिकार बना मनुष्य* |
कहीं मानव-तेंदुए में बन न जाये टकराव के हालात
कतर्निया घाट में हुई घटनाओं ने बढ़ाई लोगों की फिक्र
दुधवा नेशनल पार्क की सठियाना रेंज से लगे घोला के गन्ना क्रय केंद्र के पास एक तेंदुए का मूवमेंट तेज हो गया है। दो दिन पहले तेदुएं ने यहां एक बकरी और कुत्ते को निवाला बनाकर लोगों में दहशत फैला दी थी।
घोला क्षेत्र से दुधवा नेशनल पार्क की सठियाना रेंज से चंद कदम दूर है। इसी रेंज से निकलकर आए एक तेंदुए ने इस क्षेत्र में कब्जा जमा लिया है। तेंदुआ यहां के खेतों में बराबर देखा जा रहा है। इससे लोग डरे हुए है, शुक्र है कि अभी तक तेंदुए ने किसी इंसान पर हमला नहीं किया है। लेकिन उसने एक बकरी और कुत्ते को अपना निवाला जरुर बना लिया है। इस बीच तेंदुआ के खेतों की तरफ देखे जाने की खबरें आ रहीं हैं। ग्रामीणों ने तेंदुए को घोला गन्ना क्रय केंद्र के पास भी देखा का दावा किया है।
इस इलाके में तेंदुए का देखा जाना तो कोई बड़ी बात नही है, लेकिन हाल ही में कतर्निया घाट वन्य जीव विहार में हुई घटनाओं से लोग डरे हुए हैं।
कतर्निया इलाके में तीसरे दिन एक और इन्सान बना बाघ का निवाला
कतर्निया घाट में हुई घटनाओं ने बढ़ाई लोगों की फिक्र
दुधवा नेशनल पार्क की सठियाना रेंज से लगे घोला के गन्ना क्रय केंद्र के पास एक तेंदुए का मूवमेंट तेज हो गया है। दो दिन पहले तेदुएं ने यहां एक बकरी और कुत्ते को निवाला बनाकर लोगों में दहशत फैला दी थी।
घोला क्षेत्र से दुधवा नेशनल पार्क की सठियाना रेंज से चंद कदम दूर है। इसी रेंज से निकलकर आए एक तेंदुए ने इस क्षेत्र में कब्जा जमा लिया है। तेंदुआ यहां के खेतों में बराबर देखा जा रहा है। इससे लोग डरे हुए है, शुक्र है कि अभी तक तेंदुए ने किसी इंसान पर हमला नहीं किया है। लेकिन उसने एक बकरी और कुत्ते को अपना निवाला जरुर बना लिया है। इस बीच तेंदुआ के खेतों की तरफ देखे जाने की खबरें आ रहीं हैं। ग्रामीणों ने तेंदुए को घोला गन्ना क्रय केंद्र के पास भी देखा का दावा किया है।
इस इलाके में तेंदुए का देखा जाना तो कोई बड़ी बात नही है, लेकिन हाल ही में कतर्निया घाट वन्य जीव विहार में हुई घटनाओं से लोग डरे हुए हैं।
कतर्निया इलाके में तीसरे दिन एक और इन्सान बना बाघ का निवाला
"कतर्निया घाट- शनिवार (०८-०१-२०११) की सुबह इस इलाके के लिए मनहूस खबर लाई, जंगल से सटे जमुनिहा गांव में रहने वाले 55 साल के बुजुर्ग जगमाल को बाघ ने अपना शिकार बना डाला, बुजुर्ग जगमाल शुक्रवार को बिछिया बाजार खरीदारी करने गये थे, रात देर तक जब जगमाल घर नही लौटे तो घर वालों ने तलाश शुरू की। रात में जंगल में तलाश करना आसान नही था, सुबह पौ फटते ही जगमाल का अधखाया हुआ शव जंगल से बरामद हो गया। तीन दिन में ये दूसरी घटना थी, जिसमें बाघ ने एक इन्सान को अपना शिकार बनाया था।"
-एक साल पहले सब्लू को बनाया था निशाना
ठीक एक साल सात दिन पहले १० जनवरी २०१० को घोला गन्ना क्रय केंद्र के पास ही एक बाघ ने सबलू नाम के किशोर को खा गया था। फिर से जनवरी महीने में ही इसी इलाके में तेंदुए के मूवमेंट से लोगों के जेहन में दहशत तारी हो गयी है।
-आबादी के करीब घूम रहे तेंदुए को भी बना हुआ है खतरा
घोला आबादी के करीब घूम रहे तेंदुए से जहां इंसानी जानों को खतरा है, तो दूसरी तरफ तेंदुए के भी अनिष्ठ के बादल मंडरा रहे हैं। पिछले माह की २५/२६ दिसम्बर की रात दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर सेंक्चुरी में एक तेंदुए को शिकारियों ने मौत के घाट उतार दिया था। इससे इस तेंदुए पर भी संकट मंडरा सकता है।
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*कतर्निया घाट में बाघ का शिकार बने व्यक्ति की तस्वीर वीभत्स है। इस फोटो में बाघ ने शिकार का एक पैर खा लिया है।
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अब्दुल सलीम खान (गुलरिया-खीरी)
ये वही घोला है जहां हजारों की तादाद में बारहसिंहा व चीतल विचरण किया करते थे, सठियाना और बिली अर्जन सिंह के टाइगर हवेन से लगा हुआ यह क्षेत्र रेवन्यु और वन विभाग के मध्य तमाम जद्दोजहद और बिली साहब के प्रयासों के उपरान्त भी जंगली जीवों से छिन गया, आज इस जगह पर आदमी का कब्जा है ।...अफ़सोस
ReplyDeleteso sad reading these news....
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