कतर्नियाघाट वन्य-जीव विहार से होकर गुजरने वाली रेल-लाइन पर पँच हिरनों की मौत:
घने जंगलों के बीच से निकली रेलवे लाइन एक बार फिर वन्यजींवों के लिए कत्लगाह साबित हुई है। २४ अक्टूबर २०१० को मैलानी-गोण्डा रेलमार्ग पर संरक्षित कतर्नियाघाट वन रेन्ज के अन्तर्गत मिहीपुरवा रेलवे स्टेशन के समीप गोकुल एक्सप्रेस से कटकर पाँच हिरनों की मृत्यु हो गई।
यहाँ बता दें कि मैलानी से गोण्डा के लिए रेलमार्ग दुधवा नेशनल पार्क के बीचों-बाच से होकर गुजरा है। रेलगाड़ी की चपेट में आकर पहले भी वन्यजीव मौत का शिकार होते रहे हैं। काफी समय से इस प्रखण्ड के रेलमार्ग को जंगलों से हटाने की माँग वन्यजीव प्रेमी करते रहे हैं। लेकिन अन्य कोई विकल्प न होने के कारण रेलमार्ग को हटाया नही जा सका है।
हाँ वन्य जीवों को इस प्रकार की दुर्घटना से बचाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों के मघ्य दो वर्ष पूर्व इस बात पर सहमति बनी थी कि इस रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों की गति काफी कम रखी जायेगी। साथ ही जिन स्थानों से वन्यजीव रेलमार्ग को पार करते हैं, वहाँ पर विशेष सतर्कता बरती जायेगी। लेकिन फिर भी वन्यजीवों को कोई सुरक्षा नही मिल पाई है और रेलगाड़ियों की गति भी कम नही की गई है। क्योंकि मैलानी से बहराइच तक 195 किमी0 का रेलमार्ग जंगलों के बीच से गुजरा है।
उपरोक्त घटना के बावत वन विभाग (बहराइच) ने टेªन चालक और गार्ड के विरूद्व मुकदमा दर्ज किया हैं
यहाँ बता दें कि मैलानी से गोण्डा के लिए रेलमार्ग दुधवा नेशनल पार्क के बीचों-बाच से होकर गुजरा है। रेलगाड़ी की चपेट में आकर पहले भी वन्यजीव मौत का शिकार होते रहे हैं। काफी समय से इस प्रखण्ड के रेलमार्ग को जंगलों से हटाने की माँग वन्यजीव प्रेमी करते रहे हैं। लेकिन अन्य कोई विकल्प न होने के कारण रेलमार्ग को हटाया नही जा सका है।
हाँ वन्य जीवों को इस प्रकार की दुर्घटना से बचाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों के मघ्य दो वर्ष पूर्व इस बात पर सहमति बनी थी कि इस रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों की गति काफी कम रखी जायेगी। साथ ही जिन स्थानों से वन्यजीव रेलमार्ग को पार करते हैं, वहाँ पर विशेष सतर्कता बरती जायेगी। लेकिन फिर भी वन्यजीवों को कोई सुरक्षा नही मिल पाई है और रेलगाड़ियों की गति भी कम नही की गई है। क्योंकि मैलानी से बहराइच तक 195 किमी0 का रेलमार्ग जंगलों के बीच से गुजरा है।
उपरोक्त घटना के बावत वन विभाग (बहराइच) ने टेªन चालक और गार्ड के विरूद्व मुकदमा दर्ज किया हैं
दुखद घटना ,समाधान खोंजें .
ReplyDeleteVery Sad news! No one follow the rule in railway department specially Drivers & Guards of the trains.
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