फ़ोटो साभार: सीजर सेनगुप्त |
बाघ को ट्रैंकुलाइज़ न कर पाने की विफ़लता, व अनियोजित प्रयासों के चलते एक बाघ को विवश किया जा रहा है, आदमखोर होने के लिए! न तो उसे जंगल में घुसने दिया जा रहा है, और न ही उस पकड़ कर चिड़ियाघर भेज पा रहा हैं हमारा इन्तजामिया, नतीजा हमारे समक्ष है, देखिए आगेआगे होता है, क्या? क्या ये सुन्दर बाघ भी विभागीय असफ़लताओं के चलते आखिर में किसी सरकारी शूटर का शिकार बन दिया जायेगा!
यह घटना उस वक्त हुई जब गोमती नदी के किनारे गन्ने के खेत में बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए चारों ओर से घेरा गया था। जब काबिंग में लगे हाथी ने बाघ को पैर और सूड़ से दबा लिया बाघ ने अपने को चुगंल से छुड़ाने के लिए हाथी के कान पा पंजा मारकर जख्मी कर दिया। हाथी का दबाव कम होते ही बाघ गन्ने के खेत में जाकर छिप गया।
आपको बता दें कि तीन माह से वन विभाग के लिए सिरदर्द बनें इस बाघ को दो बार ट्रैंकुलाइज करने की असफल कोशि्श हो चुकी है, लेकिन टीम को अभी तक सफलता नही मिल पाई है। इस बाघ ने अन्तिम मानव शिकार 26 अगस्त को किया था।
उसके बाद दर्जनों गाँवों के किनारे से होता हुआ यह अपने मूल क्षेत्र दियुरियाँ जंगल में वापस जाने के लिए लगातार खुटार रेन्ज की सीमा पर भटक रहा है। लेकिन चौकसी के कारण वापस नही जा सका है।
यदि एक बार आदमखोर घोषित इस बाघ को अपने प्राकृतिकवास में जाने दिया गया तो यह इस वन्य जीव के साथ प्राकृतिक न्याय होगा।
सुनील निगम ( लेखक दैनिक जागरण में मैलानी में संवाददाता, वाइल्ड लाइफ़ जर्नलिज्म के क्षेत्र में विशेषज्ञता, इनसे suniljagaran100@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं)
बेचारे बाघ को उसके इलाके में जाने दें। समस्या अपने आप हल हो जायेगी। अगर बाघ इरादतन आदमी मार रहा है तब तो फिर उसका पकड़ा जाना ही ठीक होगा। वैसे दुधवा और आसपास से आदमियों पर बाघों के हमलों के इतने मामले सामने क्यों आ रहे है?
ReplyDeleteभाइ मेरे को एक बात समझ मे नही आयी कि खुले जंगल मे इतने हिंसक बाघ को कोइ कैसे वापस जाने से रोक सकता है जब तक कि १० फ़ुट से उची बाड़ न लगाइ जाय
ReplyDeletebade hi sharm ki baat hai ki ek sundar tiger ko vankarmiyon ne hi aadamkhor bana diya hai aur ab bahi log uski jaan k pyase hain jinke kandhon per tiger ki surackhsa hai
ReplyDeletehye i am sushil shukla,shahjahanpur reporter news-24
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