World Distribution of the Chytrid fungus source: spatialepidemiology.net |
एक फ़ंगस जिसने मेढकों की तमाम प्रजातियों को नष्ट कर दिया, यह फ़ंगस (Batrachochytrium dendrobatidis) इतनी तेजी से बढ़ती है कि साल दर साल मीलों का रास्ता तय कर लेती है, और जहां जहां इसकी जड़े जमती हैं, वहां वहां मेढकों की प्रजातियों का विनाश शुरू हो जाता है- एक घातक बीमारी जो मेढक की त्वचा पर अपना दुष्प्रभाव डालती है, आप जानते हैं, कि त्वचा का जीव के लिए क्या महत्व है, और मेढक के लिए तो निहायत जरूरी अंग हैं, क्योंकि जल में एम्फ़ीबियन (बहुत से एम्फ़ीबियन में फ़ेफ़ड़े नही होते वह श्वसन के लिए पूरी तरह से त्वचा पर निर्भर होते हैं।) अपनी श्वसन प्रक्रिया त्वचा के द्वारा ही करते है, यह फ़ंगस मेढक की त्वचा में सूजन पैदा करती है, बाद में उसे फ़ाड़ देती है, और कुछ ही दिनों इस जीव की मृत्यु हो जाती है। अभी तक अध्ययनों से जो ज्ञात हुआ है, उसमें अमेरिका, आस्ट्रेलिया, अफ़्रीकी महाद्वीप में यह फ़ंगस अपना कहर ढा रही है। भारत में इसके पाये जाने का अभी तक कोई सबूत नही प्राप्त हुआ।
स्मिथसोनियन ट्रापिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे हत्यारे को खोज निकाला है, जिसने समन्दर की भयानक लहरों की तरह किसी जगह की पूरी की पूरी प्रजातियों को नष्ट कर दिया। हां हम बात कर रहे हैं, मेढकों की जिनमें "काईट्रिडियोमाइकोसिस" बीमारी ने सेन्ट्रल अमेरिका में कई एम्फ़ीबियन प्रजातियों को समूल नष्ट यानी विलुप्त कर दिया। 1980 में कास्टा रीका के गोल्डन फ़्राग (सुनहरे मेढक) की विलुप्ति के बाद, कैरेन लिप्स जो कि मैरीलैंड यूनीवर्सिटी में जीवविज्ञानी हैं, ने पनामा के आस-पास के अनछुए इलाकों में एक निगरानी कार्यक्रम की शुरूवात की। ओमार टोरीजॉस नेशनल पार्क (पनामा) में सन 1998 से 2004 के मध्य 63 प्रजातियों को पहचान कर उनका दस्तावेज तैयार किया गया। और इस संक्रामक रोग के कारण धीरे धीरे 25 प्रजातियां इन इलाकों से विलुप्त हो गयी, जिनमें से कोई भी प्रजाति सन 2008 तक दोबारा नही दिखाई दी।
इनमें से तमाम प्रजातियां विज्ञान की जानकारी में नही थी जिन्हे मिस कैरेन लिप्स ने खोजा! कैरेन ने आनुवंशिकी विज्ञान का सहारा लेते हुए डीएनए बारकोडिंग कर 11 अनजानी प्रजातियों को खोज निकाला, जिनमें से पाँच प्रजातियां विलुप्त हो चुकी थी।
Dead Rana mucosa photo by: Vance Vredenburg |
दुखद यह है, कि हम जितना जल्दी नई प्रजाति खोज नही पा रहे हैं, उससे कही अधिक तेजी से प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। एन्ड्र्यू क्राफ़ोर्ड स्मिथसोनियन ट्रापिकल रिसर्च इन्सटीट्यूट के पूर्व सीनियर रिसर्च फ़ेलो ने बताया कि डीएनए बारकोडिंग एक ऐसी विधा है, जिसमें अध्ययन किए जा चुके इलाके से सैम्पल इकट्ठा करने के बाद नई प्रजातियां खोजी गयी और दुर्भाग्य से यह भी पता चल सका कि विज्ञान कोश में दर्ज होने से पहले ही यह प्रजातिया विलुप्त हो चुकी हैं!
ये संक्रामक बीमारी जिसने एक जीव के पूरे समूह को समूल ही नष्ट कर दिया, कुछ इस तरह है, जैसे भयंकर आग ने अलेक्जेन्ड्रिया के विशाल पुस्तकालय को जलाकर राख कर दिया! और इसी के साथ जल गया वह अथाह ज्ञान मानव इतिहास का! जिसमें हमारे जीवन की संघर्ष गाथायें मौजूद थी, कि हम अतीत में आई परेशानियों से कैसे लड़े और हमारा वजूद धरती पर कैसे आज भी कायम है। प्रजातियों का सर्वेक्षण कुछ पुस्तकालय में विभिन्न पुस्तकों के शीर्षकों की गणना करने जैसा होता है, और जेनेटिक सर्वे अक्षरों की गिनती करने जैसा!................
यदि आप शब्दों से वंचित हैं, तो किताब लिख पाने की क्षमता खो देते हैं! संक्रमण से मेढकों की प्रजातियों का विलुप्त होना कुछ कुछ डायनासोर के विलुप्त होने जैसा हैं! वह जगह जिसे यह बीमारी कब्रिस्तान में तब्दील कर रही है। वहां यह शून्य भरेगा या नही! यह भविष्य के गर्त में है!
STRI के निदेशक व इस शोध के सह-लेखक मिस्टर बरमिंघम ने बताया कि हम पहली बार DNA barcoding का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कि प्रत्येक जीव का अद्वितीय डीएनए अनुक्रम बतलाता है। इस तकनीक के द्वारा हम एम्फ़ीबियन की संपूर्ण समुदाय का अध्ययन कर रहे है। इस अध्ययन तक पहुंचने से पहले और बाद के हालातों के जायजे के बाद, हमें ये पता चला कि आखिर इस खतरनाक बीमारी में उनके (विलुप्त हुए मेढक प्रजातियां) साथ हुआ क्या!(BCN)
किसी भी पारिस्थितिकी तन्त्र का अध्ययन और उसका दस्तावेज इसलिए जरूरी होता है, ताकि हमें पता चल सके वहां कौन कौन सी प्रजातियां मौजूद हैं, और कौन सी विलुप्त हुई और क्यों? इससे हम विलुप्ति के कारणॊं का पता लगाकर उन प्रजातियों को सरंक्षित कर सकते हैं। हमें यह अध्ययन भविष्य में मददगार साबित होता है। क्योंकि अतीत हमारा मार्गदर्शक बन जाता हैं, फ़िर चाहे वह जंगली जानवरों, जंगलों, वनस्पतियों या फ़िर मनुष्य का इतिहास हो, यदि यह दस्तावेजों में दर्ज होता है, तो फ़िर भविष्य में रोशनी का काम करता है।
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